नयी दिल्ली, 21 अप्रैल (भाषा) भारत के नाभिकीय ऊर्जा नियामक ने कर्नाटक के कारवार जिले में स्थित कैगा जेनेरेटिंग स्टेशन में 700 मेगावाट क्षमता के दो परमाणु बिजली संयंत्र के निर्माण के लिए खुदाई की अनुमति दे दी है।
कैगा में इकाई पांच और छह के लिए खुदाई की अनुमति मिलना स्वदेश में विकसित प्रेशराइज्ड हेवी वाटर रिएक्टर्स (पीएचडब्ल्यूआरएस) के नये संस्करण की शुरुआत है।
एटॉमिक एनर्जी रेगुलेटरी बोर्ड (एईआरबी) ने 31 मार्च को कैगा की इकाई 5 और 6 के लिए खुदाई की अनुमति दी। एईआरबी ने दो परमाणु संयंत्र लगाने की मंजूरी नवंबर 2020 में दी थी।
इन दोनों संयंत्रों का निर्माण कर रहे न्यूक्लियर पावर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एनपीसीआईएल) ने परिसर में पहले से मौजूद 220 मेगावाट की चार इकाइयों से इकाई 5 और 6 को अलग करने के लिए बाड़ लगाने का काम पूरा कर लिया है। वाहनों से विकिरणों की जांच करने की प्रणाली और परिसर में प्रवेश के लिए लगाई गई प्रणाली दोनों काम कर रही हैं।
सरकार ने पिछले महीने संसद को बताया कि 700 मेगावाट की इन दो इकाइयों का निर्माण कार्य अगले साल ‘पहली बार कंक्रीट डालने’ के साथ शुरू होने की संभावना है।
केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने जून 2017 में 700 मेगावाट क्षमता वाले 10 परमाणु बिजली संयंत्र लगाने को मंजूरी दी थी।
भाषा अर्पणा पवनेश
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