अन्नाद्रमुक ने हिंदी पर ‘‘ दोहरे मानक’’ के लिए द्रमुक सरकार को आड़े हाथ लिया |

अन्नाद्रमुक ने हिंदी पर ‘‘ दोहरे मानक’’ के लिए द्रमुक सरकार को आड़े हाथ लिया

अन्नाद्रमुक ने हिंदी पर ‘‘ दोहरे मानक’’ के लिए द्रमुक सरकार को आड़े हाथ लिया

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:44 PM IST, Published Date : April 17, 2022/9:50 pm IST

चेन्नई, 17 अप्रैल (भाषा) तमिलनाडु की मुख्य विपक्षी अन्नाद्रमुक के शीर्ष नेता ओ पनीरसेल्वम ने रविवार को आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ द्रमुक एक ओर केंद्र द्वारा हिंदी थोपे जाने का फर्जी दावा करती है और दूसरी ओर अपने अध्यक्ष एवं मुख्यमंत्री एमके स्टालिन को उत्तरी राज्यों में राष्ट्रीय नेता के तौर पर पेश करने के लिए हिंदी का इस्तेमाल करती है।

इस पर पलटवार करते हुए द्रमुक नेता और तमिल आधिकारिक भाषा व संस्कृति के मंत्री थंगम थेन्नारासू ने पनीरसेल्वम का माखौल उड़ाते हुए कहा कि वह अन्नाद्रमुक द्वारा पार्टी के सांगठनिक चुनाव की घोषणा करने और देशभर में लोगों को सूचना देने के लिए विभिन्न भाषाओं में प्रेस नोट के अनुवाद का बचाव करने के मद्देनजर खुद पार्टी के भीतर अपना प्रसार करने की कोशिश कर रहे हैं।

पनीरसेल्वम ने याद किया कि जब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हाल में कहा कि हिंदी को अंग्रेजी की वैकल्पिक भाषा के तौर पर स्वीकार किया जाना चाहिए न कि स्थानीय भाषा के, तब स्टालिन ने यह कहकर विरोध किया कि इससे राष्ट्रीय एकता खंडित होगी।

उन्होंने तमिल अखबार की खबर को रेखांकित किया जिसके मुताबिक तमिलनाडु सरकार द्वारा दो प्रेस विज्ञप्ति हिंदी में दी गईं। अन्नाद्रमुक नेता ने कहा कि द्रमुक शासन भाषा के मुद्दे पर ‘‘दोहरे मानक’’अपना रहा है।

पनीरसेल्वम ने कहा कि हाल में दो प्रेस विज्ञप्ति जारी की गईं जिनमें एक पुरातत्व से जुड़ी थी जबकि दूसरी विज्ञप्ति में कुछ दिन पहले डॉ.भीमराव आंबेडकर की जयंती को समानता दिवस के रूप में मनाने की घोषणा थी। उन्होंने कहा कि स्टालिन की घोषणा तमिलनाडु सरकार द्वारा हिंदी में भी जारी की गई और मुख्यमंत्री के लिए जब अपने हित की रक्षा करने का समय आता है तो अपना रास्ता बदल लेते हैं।

वहीं, राज्य के उद्योग मंत्रालय का प्रभार भी संभाल रहे थेन्नारासू ने हिंदी सहित कई भाषाओं में प्रेस विज्ञप्ति का बचाव करते हुए कहा यह प्राचीन तमिल भाषा में पुरातात्विक सबूत मिलने और सामाजिक न्याय को लेकर की गई पहल से जुड़ा था जो पूरे देश के लिए था।

उन्होंने कहा कि अन्नाद्रमुक के शासन में तमिल उत्कृष्ट साहित्य का हिंदी में अनुवाद हुआ और उसे 2019 में जारी किया गया।

भाषा धीरज नेत्रपाल

नेत्रपाल

 

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