नई दिल्ली। भारत में बनी दोनों ही वैक्सीन कोविशील्ड और कोवैक्सीन कोरोना के सभी वेरिएंट्स के खिलाफ कारगर है। सरकार ने यह दावा किया है। कोरोना वायरस के अल्फा, बीटा, गामा और डेल्टा वेरिएंट्स को सरकार ने चिंता वाले रूपो की श्रेणी में रखा है। वजह यह कि ये वेरिएंट ज्यादा संक्रामक हैं और उनमें वैक्सीन को भी चकमा देने की क्षमता है। लेकिन दोनों वैक्सीन इनमें कारगर साबित हुई है।
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(ICMR) के डायरेक्टर जनरल बलराम भार्गव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि अलग-अलग वेरिएंट्स को समाप्त करने की टीके की क्षमताओं में कमी जरूर दिखती है। उन्होंने कहा कि भारत बायोटेक की कोवैक्सीन अल्फा वेरिएंट पर पूरी तरह प्रभावी है। उन्होंने कहा, ‘कोविशील्ड अल्फा के साथ 2.5 गुना घट जाती है।
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डेल्टा स्वरूप को लेकर कोवैक्सीन प्रभावी है लेकिन एंटीबॉडी प्रतिक्रिया तीन गुना तक कम हो जाती है जबकि कोविशील्ड के लिए, यह कमी दो गुना है, जबकि फाइजर और मॉडर्ना में यह कमी सात गुना है।’
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भार्गव ने कहा, ‘हालांकि, कोविशील्ड और कोवैक्सीन कोरोना वायरस के स्वरूपों – अल्फा, बीटा, गामा और डेल्टा के खिलाफ प्रभावी हैं।’ उन्होंने डेल्टा प्लस स्वरूप की चर्चा करते हुए कहा कि यह अब 12 देशों में मौजूद है। उन्होंने कहा कि भारत में डेल्टा प्लस के 10 राज्यों में 48 मामले सामने आए हैं और वे बहुत स्थानीय हैं।
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कोविशील्ड और कोवैक्सीन टीके कोरोना वायरस के अल्फा, बीटा, गामा और डेल्टा वेरिएंट्स के खिलाफ प्रभावी हैं जबकि डेल्टा प्लस स्वरूप के संबंध में परीक्षण अभी जारी है। कोरोना वायरस के 4 स्वरूप- अल्फा, बीटा, गामा और डेल्टा चिंता वाले वेरिेएंट्स हैं, जबकि डेल्टा से जुड़ा डेल्टा प्लस भी चिंता वाला वेरिएंट है।
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