कोविड-19 की दवा की मंजूरी के लिए भारतीय प्राधिकारों के संपर्क में है एस्ट्राजेनेका |

कोविड-19 की दवा की मंजूरी के लिए भारतीय प्राधिकारों के संपर्क में है एस्ट्राजेनेका

कोविड-19 की दवा की मंजूरी के लिए भारतीय प्राधिकारों के संपर्क में है एस्ट्राजेनेका

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:36 PM IST, Published Date : December 9, 2021/9:04 pm IST

नयी दिल्ली, नौ दिसंबर (भाषा) बायोफार्मास्यूटिकल बहुराष्ट्रीय कंपनी एस्ट्राजेनेका ने बृहस्पतिवार को कहा कि उसने कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों के लिए कोविड-19 से बचाव की दवा ‘ईवुशेल्ड’ के ताजा साक्ष्य मुहैया कराने को लेकर भारतीय स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ बातचीत शुरू कर दी है। इस दवा को अमेरिका में आपात उपयोग (ईयूए) की मंजूरी मिल गई है।

कंपनी ने कहा कि अमेरिका में हल्के से गंभीर रूप से कमजोर प्रतिरक्षा वाले वयस्कों और किशोरों (12 वर्ष से अधिक आयु और 40 किग्रा से अधिक वजन के) के लिए लंबे समय तक काम करने वाले एंटीबॉडी संयोजन को ईयूए दे दी गई है। दरअसल, इन लोगों में कोविड-19 टीकाकरण के लिए पर्याप्त प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया नहीं है। साथ ही, इसकी मंजूरी उन लोगों के लिए दी गई है जिन्हें कोविड-19 का टीका नहीं लगाने की सिफारिश की गई है।

एस्ट्राजेनेका इंडिया फार्मा लिमिटेड के प्रबंध निदेशक गगनदीप सिंह बेदी ने एक बयान में कहा, ‘‘हम इस खबर का और इसने कमजोर प्रतिरक्षा वाले मरीजों की मदद के लिए जो अवसर प्रदान किया है उसका स्वागत करते हैं तथा ताजा साक्ष्य मुहैया करने के लिए हमने भारत में संबद्ध स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ बाचतीत शुरू कर दी है। ’’

उन्होंने कहा कि ईवुशेल्ड के लिए औषधि प्रशासन की ईयूए मंजूरी एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि तीसरे चरण के ‘प्रोवेंट’ परीक्षण के ताजा आंकड़ों से यह पता चलता है एजेडडी7442 (ईवुशेल्ड) ने आबादी की इस श्रेणी में कोविड-19 के खिलाफ छह महीने तक मजबूत प्रभाव क्षमता प्रदर्शित की है।

एस्ट्राजेनेका ने कहा कि भारत में कंपनी का इरादा यूएसएफडीए द्वारा आपात उपयोग मंजूरी के बाद अपना आवेदन इस उम्मीद के साथ सौंपने का है कि विशेष रूप से यह अधिक जोखिम वाले मरीजों को कोविड-19 से लड़ने में मदद करे।

इसने कहा कि विश्व की करीब दो प्रतिशत आबादी कोविड-19 टीके के प्रति अपर्याप्त प्रतिक्रिया के बढ़े हुए जोखिम का सामना कर रही है। भारत में यह प्रतिशत जांच नहीं होने और अनदेखी के कारण कुछ अधिक हो सकता है।

भाषा

सुभाष पवनेश

पवनेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)