तंबाकू के खतरे से निपटने के लिए जागरूकता, उच्च कर, मजबूत कानूनों की जरूरत : विशेषज्ञ |

तंबाकू के खतरे से निपटने के लिए जागरूकता, उच्च कर, मजबूत कानूनों की जरूरत : विशेषज्ञ

तंबाकू के खतरे से निपटने के लिए जागरूकता, उच्च कर, मजबूत कानूनों की जरूरत : विशेषज्ञ

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:59 PM IST, Published Date : February 8, 2022/9:35 pm IST

नयी दिल्ली, आठ फरवरी (भाषा) तंबाकू की खपत घटाने और कैंसर के खतरे को दूर रखने के लिए एक त्रिस्तरीय रणनीति अपनाने की जरूरत है, जिसमें जन जागरूकता फैलाना, मजबूत कानून बनाना और तंबाकू तक आम आदमी की पहुंच दुर्गम बनाने के लिए उच्च कर दरें लागू करना शामिल है। चिकित्सा विशेषज्ञों ने यह सुझाव दिया है।

उन्होंने कहा कि यह त्रिस्तरीय रणनीति इसलिए जरूरी है, क्योंकि तंबाकू से होने वाला कैंसर देश में एक बड़े सार्वजनिक स्वास्थ्य खतरे के रूप में उभर रहा है।

विश्व कैंसर दिवस (चार फरवरी) पर आयोजित एक वेबिनार में प्रमुख स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने हिस्सा लिया और स्थिति पर अपनी चिंता जताई।

एम्स के एक वरिष्ठ डॉक्टर ने इस बात पर अफसोस जताया कि महिलाएं ‘तंबाकू के सेवन’ को ‘फैशन सिंबल’ के रूप में देखते हुए तेजी से इसकी तरफ आकर्षित हो रही हैं।

आयोजकों ने मंगलवार को एक बयान जारी कर कहा, ‘तंबाकू नियंत्रण के लिए शीर्ष चिकित्सा विशेषज्ञों ने त्रिस्तरीय रणनीति अपनाने का सुझाव दिया है, जिसमें जन जागरूकता फैलाना, मजबूत कानून बनाना और तंबाकू तक आम आदमी, खासकर बच्चों की पहुंच दुर्गम बनाने के लिए उच्च कर दरें लागू करना शामिल है।’

वरिष्ठ कैंसर विशेषज्ञ और राष्ट्रीय कैंसर संस्थान के पूर्व प्रमुख डॉ. जीके रथ, एम्स दिल्ली के शीर्ष कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ. आलोक ठाकर, डॉ. रंभा पांडे और डॉ. राकेश गर्ग, फोर्टिस अस्पताल गुरुग्राम में हेमेटोलॉजी विभाग के प्रधान निदेशक डॉ. राहुल भार्गव तंबाकू से होने वाले कैंसर के बढ़ते खतरे पर अपने विचार साझा किए।

बयान में दावा किया गया है कि वर्तमान में हर साल विभिन्न प्रकार के कैंसर लगभग 14 लाख भारतीयों को अपनी चपेट में ले रहे हैं, इनसे करीब आठ लाख लोगों की मौत हो रही है और 27 फीसदी कैंसर तंबाकू के सेवन के कारण होते हैं।

भाषा पारुल उमा

उमा

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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