UP, पंजाब समेत इन राज्यों में बेरोजगारी का बुरा हाल, सरकारें मनरेगा में मजदूरी का भी नहीं दे सकी काम
Bad condition of unemployment in these states including UP, Punjab : सरकारें मनरेगा में मजदूरी का भी नहीं दे सकी काम
unemployment rate in india : नई दिल्ली। देश में बेरोजगारी का मुद्द हमेशा गरमाया रहता है। खासतौर पर तब जब संसद का सीजन शुरू होता है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक बार फिर देश में बेरोजगारी के मुद्दे पर मोदी सरकार को घेरने की कोशिश की। जिसके बाद पीएम मोदी ने इस पर जवाब दिया।
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बहस के बीच सामने आए बेरोजगारी के आंकड़े हैरान करने वाले है। सभी पांच राज्यों में रोजगार को लेकर राजनेता बड़े दावा कर रहे हैं। लेकिन आंकड़े दावों की हकीकत सामने आ रही है। आंकड़ों के हिसाब से देखा जाए तो बीते चार वर्षों के दौरान पिछले साल मनरेगा में रोजगार की कमी सबसे ज्यादा रही।
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केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने आंकड़े पेश किए हैं। जिसके मुताबिक पिछले साल 1.89 करोड़ लोग ऐसे रहे, जिन्होंने मनरेगा में काम मांगा, लेकिन उन्हें काम नहीं मिल सका। वित्त वर्ष 2021-2022 में 11.6 करोड़ लोगों ने मनरेगा के तहत रोजगार मांगा, जिनमें 9.7 करोड़ को ही काम मिल सका।
बता दें कि पिछले साल 2020 में सबसे ज्यादा 13.3 करोड़ लोगों ने काम मांगा था। इसका सबसे बड़ा कारण कोरोना था, क्योंकि बहुत से लोग शहरों को छोड़कर अपने गांवों की ओर पलायन कर गए थे। इसी तरह 2021 के आंकड़ों के मुताबिक, 11.6 करोड़ ने मनरेगा के तहत काम मांगा, मतलब 2020 की तुलना में ये संख्या करीब दो करोड़ कम हो गई।
राज्य वार देखें
राज्यवार देखें तो पिछले साल गुजरात में 25.45 लाख लोगों ने मनरेगा के तहत काम मांगा, इनमें सिर्फ 8.84 लाख लोगों को रोजगार मिल सका।
बिहार में 52.35 लाख लोगों ने रजिस्ट्रेशन कराया, लेकिन 13.41 लाख को ही रोजगार मिल सका।
एमपी में 1.14 करोड़ ने काम मांगा, जबकि 25.78 लाख को ही रोजगार प्राप्त हो सका।
हरियाणा में कुल 6.52 लाख लोगों ने मनरेगा के तहत काम मांगा, जबकि 1.34 को ही इस योजना के तहत काम मिल सका।
छत्तीसगढ़ में 61.39 लाख रजिस्ट्रेशन हुए, जबकि काम मिला सिर्फ 12.22 लाख को।
महाराष्ट्र में 35.64 लाख ने मनरेगा के तहत रजिस्ट्रेशन कराया, जबकि काम मिला 6.17 लाख लोगों को।
झारखंड में 34.64 लाख ने रोजगार मांगा और 5.97 लाख को ही काम उपलब्ध हो सका।
उत्तर प्रदेश में 1.09 करोड़ ने रोजगार मांगा और मिला केवल 17.72 को।
राजस्थान में 1.07 करोड़ ने रोजगार मांगा और मिला कुल 15.45 लाख लोगों को।
पंजाब में 12.16 लाख लोगों ने मनरेगा के तहत रजिस्ट्रेशन कराया और काम मिला सिर्फ 1.70 लाख लोगों को।
पश्चिम बंगाल में 1.17 करोड़ लोगों ने काम मांगा, जबकि 12.57 को रोजगार मिला।
इसी प्रकार से हिमाचल प्रदेश में 9.80 लाख लोगों ने रोजगार मांगा, जबकि मिला सिर्फ 98 हजार लोगों को।

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