लोगों की महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने में नाकाम रही बीजद सरकार : नड्डा |

लोगों की महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने में नाकाम रही बीजद सरकार : नड्डा

लोगों की महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने में नाकाम रही बीजद सरकार : नड्डा

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:37 PM IST, Published Date : September 29, 2022/4:45 pm IST

भुवनेश्वर, 29 सितंबर (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा ने बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि बीजू जनता दल (बीजद) के नेतृत्व वाली ओडिशा सरकार लोगों की महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने में नाकाम रही है।

उन्होंने ओडिशा के मतदाताओं से बीजद को राज्य की सत्ता से बाहर करने का आह्वान भी किया।

भुवनेश्वर में एक रैली को संबोधित करते हुए नड्डा ने यह भी आरोप लगाया कि राज्य सरकार के विभिन्न विभागों में भ्रष्टाचार है।

उन्होंने कहा, “ओडिशा में रक्षक ही भक्षक हैं, क्योंकि कम से कम तीन मंत्री कथित तौर पर हत्या के अलग-अलग मामलों में संलिप्त पाए गए हैं।”

भाजपा अध्यक्ष ने आरोप लगाया, “ओडिशा में पीएमएवाई (प्रधानमंत्री आवास योजना), मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना) और अन्य योजनाओं के क्रियान्वयन में भ्रष्टाचार हुआ है।”

बीजद के शासन में कुशासन का आरोप लगाते हुए उन्होंने दावा किया कि ओडिशा के लोगों को अपने रिश्तेदारों को साइकिल पर अस्पताल ले जाना पड़ता है।

नड्डा ने कहा कि भारत जैसे लोकतंत्र के लिए यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि ज्यादातर राष्ट्रीय दल क्षेत्रीय पार्टियों के रूप में सिमटकर रह गए हैं। उन्होंने दावा किया कि भाजपा एकमात्र राष्ट्रीय दल है और उसकी क्षेत्रीय महत्वाकांक्षाएं हैं।

भाजपा अध्यक्ष ने कहा, “यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सभी राष्ट्रीय दल क्षेत्रीय पार्टियों के रूप में सिमटकर रह गए हैं। दुनिया की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी होने के नाते भाजपा अब अलग-अलग राज्यों में परिवारवाद की राजनीति करने वाले दलों से लड़ रही है।”

उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा, “कांग्रेस अब न तो राष्ट्रीय और न ही क्षेत्रीय दल रह गई है। वह अब ‘भाई-बहन’ की पार्टी बनकर रह गई है।”

नड्डा ने कहा कि कांग्रेस की स्थिति यह है कि उत्तर प्रदेश में ज्यादातर विधानसभा सीटों पर उसके प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई थी।

उन्होंने कहा, “ओडिशा में निश्चित तौर पर बीजू पटनायक का परिवार राज कर रहा है। लेकिन महाराष्ट्र में शिवसेना ‘परिवार के राज’ से मुक्त हो रही है।”

भाषा पारुल पवनेश

पवनेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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