नयी दिल्ली, एक दिसंबर (भाषा) केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने खुद को भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) का अधिकारी बताकर लोगों से कथित रूप से धन ऐंठने के आरोप में गिरफ्तार किए गए एक व्यक्ति के साथ संबंध होने के संदेह में बृहस्पतिवार को तेलंगाना के मंत्री गांगुला कमलाकर और राज्यसभा सदस्य वद्दीराजू रविचंद्र से आठ घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि सीबीआई तेलंगाना के नागरिक आपूर्ति मंत्री कमलाकर और राज्यसभा सदस्य रविचंद्र से पूछताछ कर रही है, क्योंकि जांच में पता चला है कि बहुरूपिया कोव्वी रेड्डी श्रीनिवास राव कथित रूप से उन दोनों के संपर्क में था और उससे पूछताछ के दौरान दोनों पक्षों के बीच कुछ ‘‘लेन-देन’’ की बात भी सामने आई है। कमलाकर और रविचंद्र तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के नेता हैं।
एक अधिकारी ने कहा, ‘‘दोनों नेता अब तक इस मामले में गवाह नहीं हैं। वे प्राथमिकी में नामजद आरोपी नहीं हैं। उनकी भूमिका का अब भी पता लगाया जा रहा है।’’
अधिकारियों के अनुसार, ये दोनों नेता पूर्वाह्न 11 बजकर 25 मिनट पर सीबीआई मुख्यालय पहुंचे और उन्हें पूछताछ के लिए निर्धारित कक्ष में ले जाया गया।
सीबीआई कार्यालय से बाहर आने के बाद कमलाकर और रविचंद्र ने संवाददाताओं से कहा कि वे सार्वजनिक कार्यक्रमों में केवल दो बार राव से मिले थे। उन्होंने राव के साथ किसी तरह के वित्तीय लेन-देन से इनकार किया।
कमलाकर और रविचंद्र ने कहा कि सीबीआई ने राव के साथ उनके कथित संबंधों को लेकर उनसे पूछताछ की और इस दौरान उन्होंने एजेंसी को सारी जानकारी प्रदान की।
दोनों नेताओं ने यह भी कहा कि एजेंसी द्वारा उन्हें दोबारा नहीं बुलाया गया है।
सोमवार को सीबीआई ने विशाखापट्टनम निवासी राव को गिरफ्तार किया था, जो यहां तमिलनाडु भवन में खुद को वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी बताते हुए कथित रूप से कुछ लोगों से मिला था और उनसे महंगे उपहार मांगे थे।
सीबीआई की प्राथमिकी के अनुसार, राव खुद को सीबीआई का संयुक्त निदेशक बता रहा था और 22 नवंबर को दिल्ली आने के बाद उसने छह लोगों से मुलाकात की और सरकारी प्राधिकारियों के पास उनके खिलाफ लंबित मामलों में फैसला कथित रूप से उनके पक्ष में कराने की पेशकश की।
सीबीआई अधिकारियों ने बताया कि राव ने रोजगार दिलाने से लेकर एनसीआर (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र) में प्रवेश प्रतिबंधित अवधि में एक निजी कंपनी के वाहनों को प्रवेश दिलाने तक, अपने शिकारों को विभिन्न समस्याओं का समाधान करने का भरोसा दिलाया और उसके एवज में पैसे एवं उपहार मांगे। उसने उनके सामने दावा किया कि ये चीजें वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों तक पहुंचानी होती हैं।
भाषा जितेंद्र पारुल
पारुल
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