केंद्र ने राज्यों से आपात कोविड प्रतिक्रिया पैकेज के तहत जरूरी ढांचे का त्वरित विश्लेषण करने कहा | Centre asks states to make quick analysis of necessary structures under emergency covid response package

केंद्र ने राज्यों से आपात कोविड प्रतिक्रिया पैकेज के तहत जरूरी ढांचे का त्वरित विश्लेषण करने कहा

केंद्र ने राज्यों से आपात कोविड प्रतिक्रिया पैकेज के तहत जरूरी ढांचे का त्वरित विश्लेषण करने कहा

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:18 PM IST, Published Date : July 15, 2021/12:13 pm IST

नयी दिल्ली, 15 जुलाई (भाषा) केंद्र ने बृहस्पतिवार को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को आपात कोविड-19 प्रतिक्रिया पैकेज के तहत विभिन्न बुनियादी चीजों में कमी का तत्काल विश्लेषण करने कहा। साथ ही, संक्रमण के कारगर क्लीनिकल प्रबंधन के लिए समय पूर्व तैयारियों पर जोर दिया।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने हाल में मंजूरी प्राप्त 23,123 करोड़ रुपये के ‘भारत कोविड-19 आपात प्रतिक्रिया एवं स्वास्थ्य प्रणाली तैयारियां पैकेज (ईसीआरपी) : द्वितीय चरण’ के तहत तैयारियों की सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य सचिवों और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ समीक्षा की।

मंत्रिमंडल ने आठ जुलाई को 2021-22 वित्तीय वर्ष के लिये नयी योजना को मंजूरी दी।

इस पैकेज का उद्देश्य स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे पर प्रमुखता से ध्यान देने के साथ रोग का शीघ्रता से पता लगाने और उसके प्रबंधन के लिए स्वास्थ्य प्रणाली तैयारियां बढ़ाना है।

सीमक्षा बैठक के दौरान राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोविड प्रबंधन के अलग-अलग पहलुओं पर नीतियों और दिशानिर्देशों की जानकारी दी, जिससे उन्हें कोविड से कारगर तरीके से निपठने में स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे को मजबूत करने में मदद मिलेगी।

मंत्रालय के एक बयान में कहा गया है कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को यथाशीघ्र अपने व्यय प्रस्ताव भेजने का अनुरोध किया गया है ताकि केंद्र से उन्हें शीघ्र मंजूरी एवं आवंटन मिल सके।

राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को ईसीआरपी के दूसरे चरण के तहत विभिन्न बुनियादी ढांचे के लिए त्वरित अंतराल विश्लेषण करने की सलाह दी गई।

बैठक में उप जिला स्तर पर मुख्य रूप से जांच में तेजी लाने, उपचार करने और अतिरिक्त बिस्तर की व्यवस्था करने, बच्चों की देखभाल करने तथा अस्थायी अस्पताल बनाने की जरूरत, महत्वपूर्ण दवाइयों, जांच किट और व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण, ऑक्सीजन की उपलब्धता पर जोर दिया गया।

राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कहा गया कि संकाय की निगरानी में एमबीबीएस के अंतिम वर्ष के छात्र, अंतर स्नातक इंटर्न पीजी रेंजीडेंट का उपयोग कोविड के हल्के लक्षण वाले रोगियों के टेलीफोन परामर्श से इलाज में किया जा सकता है।

केंद्र ने कहा कि इसी तरह नर्सिंग में स्नातक पाठ्यक्रम के अंतिम वर्ष के छात्रों को भी पूर्णकालीक कोविड ड्यूटी पर इस्तेमाल किया जा सकता है।

साथ ही, इस बात का भी जिक्र किया गया कि कारगर कोविड प्रबंधन के लिए दवाइयों की खरीद ईसीआरपी 2 का एक अनिवार्य हिस्सा है।

भाषा

सुभाष माधव

माधव

 

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