जलवायु कार्यकर्ता वांगचुक ने 21 दिनों से जारी अपनी भूख हड़ताल खत्म की |

जलवायु कार्यकर्ता वांगचुक ने 21 दिनों से जारी अपनी भूख हड़ताल खत्म की

जलवायु कार्यकर्ता वांगचुक ने 21 दिनों से जारी अपनी भूख हड़ताल खत्म की

:   Modified Date:  March 26, 2024 / 10:48 PM IST, Published Date : March 26, 2024/10:48 pm IST

लेह, 26 मार्च (भाषा) जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक ने लद्दाख के लिये राज्य के दर्जे तथा संविधान की छठी अनुसूची में उसे शामिल करने की मांग के समर्थन में 21 दिनों से जारी अपनी भूख हड़ताल मंगलवार शाम समाप्त कर दी।

उससे पहले दिन में, उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से इस केंद्रशासित प्रदेश के लोगों से किये गये वादे को पूरा करने की फिर से अपील की। उन्होंने लोगों से आगामी लोकसभा चुनाव में देश के हित में ‘‘बहुत सावधानी से’’ अपने मताधिकार का इस्तेमाल करने का भी आह्वान किया।

एक बच्ची के हाथ से जूस पीकर वांगचुक ने अपनी भूख हड़ताल समाप्त की। वांगचुक ने कहा, ‘‘ भूख हड़ताल का पहला चरण आज समाप्त हो रहा है, लेकिन यह आंदोलन का अंत नहीं है।’’

शिक्षा के क्षेत्र के मशहूर सुधारक वांगचुक ने कहा कि भूख हड़ताल की समाप्ति वर्तमान आंदोलन के नये चरण की शुरुआत है।

उन्होंने कहा, ‘‘ हम (अपनी मांग के समर्थन में) अपना संघर्ष जारी रखेंगे। आंदोलनस्थल पर 10000 लोगों का एकत्र होना तथा पिछले 20 दिनों में 60000 से अधिक अन्य लोगों की भागीदारी लोगों की आकांक्षाओं का प्रमाण है।’’

वांगचुक छह मार्च से शून्य से भी नीचे तापमान में ‘जलवायु उपवास’ पर बैठे थे। उससे एक दिन पहले लेह के ‘एपेक्स बॉडी’ और ‘कारगिल डेमोक्रेटिक एलायंस’ (केडीए) के संयुक्त प्रतिनिधियों की केंद्र सरकार के साथ वार्ता में गतिरोध उत्पन्न हो गया था। ये दोनों ही संगठन साथ मिलकर लद्दाख को राज्य का दर्जा देने और छठी अनुसूची में उसे शामिल करने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं।

कारगिल में केडीए की तीन दिवसीय भूख हड़ताल भी आज शाम समाप्त हो गयी। लेह के ‘एपेक्स बॉडी’ और केडीए बुधवार को भावी कदम की घोषणा करेंगे।

इस बीच अभिनेता प्रकाश राज ने वांगचुक से भेंट की और उनके आंदोलन को अपना समर्थन दिया। उन्होंने कहा कि जब सरकार अपने वादों को पूरा नहीं करती है, तो लोगों के पास संवैधानिक अधिकारों के अनुसार एकजुट होकर अपनी आवाज बुलंद करने के सिवा कोई विकल्प नहीं होता है।

‘एक्स’ पर एक वीडियो संदेश डालकर वांगचुक ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भाजपा द्वारा अपने चुनावी घोषणा पत्र में किये गए वादे की याद दिलायी और कहा कि मोदी तो रामभक्त हैं, इसलिए उन्हें उनकी (राम की) शिक्षा ‘प्राण जाए पर वचन न जाय’ का पालन करना चाहिए।

भाषा

राजकुमार दिलीप

दिलीप

 

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