रक्षा करारों में कांग्रेस का सिद्धांत ‘मिशन’ नहीं बल्कि ‘कमीशन’ हुआ करता था: नड्डा |

रक्षा करारों में कांग्रेस का सिद्धांत ‘मिशन’ नहीं बल्कि ‘कमीशन’ हुआ करता था: नड्डा

रक्षा करारों में कांग्रेस का सिद्धांत ‘मिशन’ नहीं बल्कि ‘कमीशन’ हुआ करता था: नड्डा

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:42 PM IST, Published Date : July 26, 2021/9:21 pm IST

नयी दिल्ली, 26 जुलाई (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष जे पी नड्डा ने सोमवार को कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि रक्षा सौदों में उसका सिद्धांत ‘‘मिशन नहीं कमीशन’’ हुआ करता था जबकि उनकी पार्टी राष्ट्रवाद की प्रतीक है।

करगिल विजय दिवस की 22वीं वर्षगांठ के अवसर पर पार्टी मुख्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए नड्डा ने देश की सुरक्षा के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की जमकर सराहना की और कहा कि इनसे देश की सुरक्षा को मजबूती मिली है।

उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस का सिद्धांत था ‘नो डिसीजन इज द बेस्ट डिसीजन’ (फैसला नहीं लेना ही सर्वश्रेष्ठ फैसला है)…कोई निर्णय मत लो…और जब सौदेबाजी करनी है तो ‘देयर शेल नॉट बी मिशन, देयर शुड बी कमीशन’ (मिशन नहीं होना चाहिए बल्कि कमीशन होना चाहिए)…यही लेकर वह आगे चलते थे।’’

नड्डा ने कहा, ‘‘अच्छा नहीं लगता कि रक्षा के बारे में ऐसी बात करें लेकिन इसी तरीके से इन लोगों ने सरकार चलाई।’’

उन्होंने कहा कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के कार्यकाल में भारतीय सेना के आधुनिकीकरण की प्रक्रिया रूक गई थी जबकि भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की सरकार में इसमें बहुत तेजी आई है।

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान स्थित आतंकवादियों पर प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में एयर और सर्जिकल स्ट्राइक कर भारत ने दिखा दिया है कि ‘‘भारत मतलब सिर्फ व्यवसाय, व्यवसाय और व्यवसाय’’।

उन्होंने कहा, ‘‘मोदी जी के आने के बाद 36 राफेल फाइटर एयरक्राफ्ट का बेड़ा भारत में मौजूद है। 28 अपाचे हेलीकॉप्टर, 15 चिनूक चॉपर्स, 145 अल्ट्रा लाइट होवित्जर तोपें, 100 वज्र आर्टिलरी गन हमारे यहां मौजूद हैं। आज भारत बुलेट प्रूफ जैकेट का निर्यात कर रहा है।’’

नड्डा ने दावा किया कि पहले दुश्मन के खिलाफ जवाबी हमला करने के लिए सेना को सरकार की अनुमति का इंतजार करना पड़ता था लेकिन अब मोदी सरकार में उसे खुली छूट दी गई है।

उन्होंने कहा, ‘‘पहले कोई आतंकी भारत में आकर ढाई वर्ष तक उत्पात मचाता रहता था। आज किसी आतंकवादी की उम्र भारत में आने के बाद एक से डेढ़ सप्ताह की है। फौज वही है, लेकिन नेतृत्व ठीक न हो तो आतंकी ढाई साल तक उत्पात मचाता है और नेतृत्व ठीक हो तो ढाई सप्ताह में शांत कर दिया जाता है।’’

उन्होंने कहा कि हालांकि रक्षा एक ऐसा मुद्दा है जिसका राजनीति से कोई लेना देना नहीं है लेकिन लोगों को यह बात समझनी चाहिए कि कौन से ऐसे नेता हैं और कौन सी पार्टी है, जो देश की सुरक्षा को अहमियत देती है। किसके आने से फर्क पड़ता है, किसके जाने से फर्क पड़ता है।

भाजपा अध्यक्ष ने करगिल युद्ध के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि करगिल हमारे जवानों की वीरता का प्रतीक है।

उन्होंने कहा, ‘‘दुश्मन ऊपर छुपकर बैठा था और हमारे वीर सैनिक हजारों फुट नीचे खड़े थे। विपरीत परिस्थितियों में नीचे से ऊपर जाकर, दुश्मन पर हमला करके तिरंगा फहराया गया था।’’

उन्होंने इस अवसर पर ‘‘वन रैंक, वन पेंशन’’ का भी उल्लेख किया और कहा कि मोदी सरकार ने इस लंबी और पुरानी मांग को उसकी भावना के अनुरूप लागू किया।

भाषा ब्रजेन्द्र ब्रजेन्द्र नरेश

नरेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)