corona to reach at its peak in last week of January, 10 lakh patients per day

जनवरी के अंतिम सप्ताह में पीक पर होगा कोरोना का संक्रमण, रोजाना मिलेंगे 10 लाख तक नए मरीज

जनवरी के अंतिम सप्ताह में पीक पर होगा कोरोना का संक्रमण! corona to reach at its peak in last week of January, 10 lakh patients per day

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:47 PM IST, Published Date : January 7, 2022/10:23 pm IST

नई दिल्ली: 10 lakh patients per day  देशभर में कोरोना का संक्रमण एक बार तेजी से फैल रहा है। रोजाना देशभर से करीब 1 लाख नए मरीजों की पुष्टि हो रही है। पिछले 24 में भी 1,17,100 नए केस सामने आए हैं। ओमिक्रॉन (Omicron) के देश में कुल 3007 केस हो गए हैं। लेकिन उनमें से 1199 लोग ठीक भी हो चुके हैं। वहीं, दूसरी ओर भारतीय विज्ञान संस्थान और भारतीय सांख्यिकी संस्थान बेंगलुरु ने कोरोना के संक्रमण को लेकर चौकाने वाले दावे किए हैं। यह दावा संस्थान ने स्टडी के बाद किया है।

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10 lakh patients per day  इस स्टडी के मुताबिक, भारत में जनवरी के तीसरे और चौथे सप्ताह के बीच कोरोना की तीसरी लहर का पीक आ सकता है। वहीं, मार्च की शुरुआत से मार्च के अंत तक कोरोना संक्रमण के मामले कम होने लगेंगे। यानी रोजाना आ रहे कोविड संक्रमण के मामलों का ग्राफ नीचे की तरफ जाने लगेगा। दक्षिण अफ्रीका समेत कई देशों के वैज्ञानिकों का भी यही कहना है कि ओमिक्रॉन की वजह से कोरोना केस पहले बहुत तेज गति से बढ़ेंगे और फिर उतनी ही तेजी से कम भी होंगे।

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नई स्टडी में गणितीय मॉडलिंग के आधार पर गणना की गई है कि कोरोनावायरस के ओमिक्रॉन वैरिएंट के मामले जनवरी के तीसरे और चौथे हफ्ते में सबसे अधिक होंगे और फिर मार्च की शुरूआत होते-होते कम होने लगेंगे। यह गणितीय मॉडल पिछले संक्रमण (Past infection), वैक्सीनेशन (Vaccination) और कमजोर इम्यूनिटी (Weak immunity) को भी ध्यान में रखता है। पिछले संक्रमण और वैक्सीनेशन के बावजूद आबादी का एक बड़ा हिस्सा अभी भी नए वैरिएंट की जद में आसानी से आ सकता है। शोधकर्ताओं ने दक्षिण अफ्रीका में ओमिक्रॉन के मामलों के ग्राफ के आधार पर भारत में कोरोना की तीसरी लहर के पीक का अनुमान लगाया है।

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स्टडी के मुताबिक, वायरस का आसानी से शिकार बनने वाले लोगों की संख्या (यानी बीमार, वृद्ध और कमजोर इम्यूनिटी वाले लोग) को लेकर अलग-अलग अनुमान के आधार पर रोजाना 3 लाख, 6 लाख या फिर 10 लाख तक मामले सामने आ सकते हैं। शोधकर्ताओं ने कहा कि अगर मान लिया जाए कि 30 फीसदी आबादी ही कोविड के खिलाफ ज्यादा कमजोर है या आसानी से चपेट में आ सकती है तो ऐसी स्थिति में कोरोना की दूसरी लहर के दौरान आए मामलों की तुलना में ये आंकड़ा कम ही होगा।

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6 जनवरी, 2022 तक देश में SARS-CoV-2 के ओमिक्रॉन वैरिएंट से लगभग 3000 से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। यह संख्या अधिक हो सकती है, क्योंकि DNA या RNA में मिली जेनेटिक जानकारी को पढ़ना और उसकी व्याख्या करना (जीनोम अनुक्रमण, Genome sequencing) केवल कुछ नमूनों पर ही किया जाता है।

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