अपने जीवन में बहुत कुछ कर सकता था: तरुण प्रीत सिंह |

अपने जीवन में बहुत कुछ कर सकता था: तरुण प्रीत सिंह

अपने जीवन में बहुत कुछ कर सकता था: तरुण प्रीत सिंह

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:20 PM IST, Published Date : April 30, 2022/8:32 pm IST

(विशु अधाना)

नयी दिल्ली, 30 अप्रैल (भाषा) तरुण प्रीत सिंह को 1997 के उस दुर्भाग्यपूर्ण दिन की समय-समय पर याद आ जाती है जब उन्होंने मध्य दिल्ली के कनॉट प्लेस में पुलिस गोलीबारी में अपने दो दोस्तों को खो दिया था और खुद गंभीर रूप से घायल हो गए थे।

सिंह उस समय अपनी युवावस्था में थे और उन्हें सात गोली लगी थी। उनकी सर्जरी हुई और ठीक होने में उन्हें पांच साल लग गए। मजबूरन उन्हें स्कूल की पढ़ायी छोड़नी पड़ी थी।

पच्चीस साल बाद सिंह के दाहिने हाथ में अभी भी दिक्कत है जो उन्हें उस दिन की निरंतर याद दिलाती है, जब उनका जीवन हमेशा के लिए बदल गया था।

सिंह ने शनिवार को ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘अगर मैं गोलीबारी में नहीं फंसता तो मैं अपने जीवन में बहुत कुछ कर सकता था और मेरा जीवन पूरी तरह से अलग होता।’’

उन्होंने कहा कि उन्हें अक्सर सिरदर्द रहता है और सर्दियां उनके लिए विशेष रूप से कठिन होती हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मैं एक सामान्य जीवन जीने की कोशिश करता हूं लेकिन अपनी चोटों के कारण मैं कभी ऐसा नहीं कर सका। चोटों के कारण मैं भारी काम नहीं कर सकता और डॉक्टरों ने मुझे तनाव नहीं लेने के लिए कहा है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘इस घटना ने मेरे रास्ते में कई बाधाएं खड़ी कर दीं। मैं किसी तरह अपने घरेलू खर्चों का प्रबंध करता हूं। जीवन कठिन है।’’

सिंह दो बच्चों के पिता हैं और एक कपड़े की दुकान में काम करते हैं और प्रतिमाह केवल 8,000 रुपये कमाते हैं। उनकी पत्नी भी परिवार का भरण-पोषण करने के लिए एक स्थानीय अस्पताल में काम करती हैं और प्रति माह 3,000 रुपये कमाती हैं। परिवार किराए के मकान में रहता है।

सिंह और उनके दो दोस्त 31 मार्च, 1997 को एक कार में सफर कर रहे थे और कनॉट प्लेस के पास बाराखंभा रोड पर रुके थे, तभी वे दिल्ली पुलिस की अंधाधुंध गोलीबारी की चपेट में आ गए। इस गोलीबारी में सिंह बच गए थे लेकिन उसके दोस्तों की मौके पर ही मौत हो गई थी।

बाद में, 10 पुलिस अधिकारियों को आपराधिक मामले में दोषी ठहराया गया और उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। हाल में सिंह और उनके परिवार के लिए उम्मीद की किरण दिखी।

दिल्ली उच्च न्यायालय ने 26 अप्रैल के एक आदेश में, केंद्र को सिंह को गोलीबारी की तारीख से आठ प्रतिशत प्रति वर्ष के ब्याज के साथ 15 लाख रुपये का मुआवजा देने का निर्देश दिया।

अदालत ने साथ ही सिंह को मुकदमे के खर्च के तौर पर दो लाख रुपये की राशि भी प्रदान की।

भाषा अमित देवेंद्र

देवेंद्र

 

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