नयी दिल्ली, 23 सितम्बर (भाषा) केंद्र ने शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय को अवगत कराया कि रूस के साथ युद्ध के मद्देनजर यूक्रेन से भारत लौटे मेडिकल छात्र-छात्राओं की सहायता के लिए सरकार न्यायालय के मशविरे पर काम कर रही है।
शीर्ष अदालत ने गत 16 सितम्बर को सलाह दी थी कि केंद्र एक वेब पोर्टल तैयार करके और उस पर उन विदेशी विश्चविद्यालयों का ब्योरा देकर यूक्रेन से लौटे मेडिकल छात्र-छात्राओं की सहायता करे, जहां वे अपने पाठ्यक्रम पूरा कर सकते हों।
केंद्र सरकार की ओर से पेश वकील ने न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता और न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की पीठ को अवगत कराया कि केंद्र ने इस मुद्दे पर विदेश मंत्रालय और स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिवों को पत्र लिखे हैं।
वकील ने पीठ से कहा, ‘‘अंतिम आदेश के संदर्भ में, हमने विदेश मंत्रालय और स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिवों को पत्र लिखे हैं। हमें जो निर्देश हैं, उसके तहत इस मामले में विचार जारी है।’’
वकील ने कहा कि पिछली सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने वेबसाइट बनाने के संकेत दिये थे, जहां संबंधित सूचना उपलब्ध कराई जा सके, ताकि स्पष्टता रहे।
इसके साथ ही शीर्ष अदालत ने मामले की सुनवाई के लिए 11 अक्टूबर की तारीख मुकर्रर कर दी।
जब वकीलों में से एक ने कहा कि अंतिम वर्ष के मेडिकल छात्र-छात्राओं को ऑनलाइन शिक्षा की अनुमति दी जा सकती है, तो पीठ ने कहा, ‘‘हम (अभी) कुछ नहीं कह रहे। हम विस्तृत आदेश सुनाएंगे।
कुछ छात्रों की ओर से पेश हो रहे एक वकील ने सुनवाई के प्रारम्भ में कहा कि कई राज्यों ने इस मसले पर केंद्र को पत्र लिखे हैं।
उन्होंने दलील दी कि करीब 1300 मेडिकल छात्र-छात्राएं प्रभावित हैं। वकील ने कहा कि केंद्र सरकार और राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग (एनएमसी) को इन राज्यों से बातचीत करनी चाहिए।
भाषा
सुरेश अविनाश
अविनाश
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