न्यायालय ने आम्रपाली समूह के पूर्व सीएफओ की जमानत याचिका खारिज की |

न्यायालय ने आम्रपाली समूह के पूर्व सीएफओ की जमानत याचिका खारिज की

न्यायालय ने आम्रपाली समूह के पूर्व सीएफओ की जमानत याचिका खारिज की

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:11 PM IST, Published Date : March 30, 2022/8:23 pm IST

नयी दिल्ली, 30 मार्च (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने आम्रपाली समूह के पूर्व मुख्य वित्त अधिकारी (सीएफओ) चंद्र प्रकाश वाधवा को चिकित्सा आधार पर जमानत देने से बुधवार को इनकार कर दिया और निचली अदालत को उनके खिलाफ आरोप, यदि कोई हो, तय करने का निर्देश दिया।

न्यायमूर्ति यू. यू. ललित, न्यायमूर्ति एस. रविंद्र भट और न्यायमूर्ति पी. एस. नरसिम्हा की पीठ ने पहले वाधवा की जांच के लिए चिकित्सा बोर्ड के गठन का निर्देश दिया था।

पीठ ने कहा, ‘‘विचाराधीन रिपोर्ट को रिकॉर्ड में रखा गया है। इससे पता चलता है कि मुख्य चिकित्सा अधीक्षक और न्यूरोलॉजी विभाग, हड्डी रोग सर्जरी, कार्डियोलॉजी और औषधि विभाग के प्रमुख बोर्ड के सदस्य थे। याचिकाकर्ता की जांच के बाद बोर्ड की ओर से रिपोर्ट तैयार की गई है। जैसा कि रिपोर्ट इंगित करती है, याचिकाकर्ता की चिकित्सा स्थिति काफी स्थिर है।’’

पीठ ने कहा कि वाधवा की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अमन लेखी ने योग्यता के आधार पर जमानत अर्जी पर दलील दी थी।

इस बात पर गौर करते हुए कि तीन मामलों में आरोप पत्र दायर किया गया है, पीठ ने कहा, “ऐसा प्रतीत होता है कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दायर सभी तीन शिकायतों में याचिकाकर्ता एकमात्र व्यक्ति है जिसे तीसरी शिकायत में कॉर्पोरेट संस्थाओं के अलावा आरोपी के रूप में रखा गया है।’’

पीठ ने कहा कि जैसा कि रिकॉर्ड से संकेत मिलता है कि वाधवा पहले ही एक साल और चार महीने की वास्तविक हिरासत पूरी कर चुके हैं।

इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ वाधवा की अपील खारिज करते हुए पीठ ने कहा, ‘‘यदि याचिकाकर्ता के लिए जमानत के वास्ते एक आवेदन को प्राथमिकता देने का कोई अवसर आता है, तो निर्देशों के अनुसार, इस पर भी उसके गुणों के आधार विचार किया जायेगा।’’

इससे पहले 14 मार्च को, शीर्ष अदालत ने निर्देश दिया था कि वाधवा को सात दिनों के भीतर किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय, लखनऊ के चार चिकित्सा पेशेवरों वाले मेडिकल बोर्ड के सामने पेश किया जाए।

शीर्ष अदालत ने जांच के तीन दिन के भीतर मेडिकल रिपोर्ट मांगी थी।

कई घर खरीदारों द्वारा कदाचार करने का आरोप लगाने के बाद शीर्ष अदालत रियल एस्टेट कंपनी से संबंधित मामले की निगरानी कर रही है।

उच्चतम न्यायालय के आदेश पर आम्रपाली के पूर्व समूह निदेशक अनिल कुमार शर्मा, शिव प्रिया और अजय कुमार जेल में बंद हैं।

आम्रपाली समूह की कंपनियों के सांविधिक लेखा परीक्षक वाधवा और अनिल मित्तल को भी इस मामले में गिरफ्तार किया गया था।

भाषा

देवेंद्र नरेश

नरेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

Flowers