नयी दिल्ली, 24 अक्टूबर (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने महरौली इलाके में मुगल मस्जिद में नमाज अदा करने पर रोक के खिलाफ एक याचिका पर सुनवाई की तारीख अब एक दिसंबर निर्धारित की है।
दिल्ली वक्फ बोर्ड द्वारा नियुक्त मुगल मस्जिद प्रबंध समिति ने पिछले साल उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था और आरोप लगाया था कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के अधिकारियों ने 13 मई, 2022 को मस्जिद में नमाज पर पूरी तरह से रोक लगा दी जो ‘पूरी तरह गैर-कानूनी, मनमाना और अनुचित’ है।
जल्द सुनवाई करने के याचिकाकर्ता के आग्रह को मानते हुए न्यायमूर्ति प्रतीक जालान ने एक हालिया आदेश में कहा, “01.12.2023 को सूचीबद्ध करें। सुनवाई की अगली तारीख यानी 30.01.2024 रद्द की जाती है।”
याचिकाकर्ता के वकील एम सूफियान सिद्दीकी ने कहा कि पिछले साल तक मस्जिद के अंदर नियमित रूप से नमाज अदा की जा रही थी, लेकिन एएसआई ने बिना किसी नोटिस के इस पर रोक लगा दी।
हाल में, अदालत ने एएसआई से संरक्षित स्मारकों के अंदर स्थित धार्मिक स्थलों में श्रद्धालुओं को पूजा/इबादत की अनुमति देने को लेकर नीति स्पष्ट करने को कहा था।
याचिका के जवाब में, एएसआई ने कहा है कि संबंधित मस्जिद कुतुब मीनार की सीमा के भीतर आती है और इस प्रकार संरक्षित क्षेत्र के भीतर है तथा वहां नमाज अदा करने की अनुमति नहीं दी जा सकती।
भाषा जितेंद्र
नेत्रपाल अविनाश
अविनाश
(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)