नयी दिल्ली, 14 जनवरी (भाषा) दिल्ली की एक अदालत ने ‘बुली बाई’ ऐप बनाने वाले नीरज बिश्नाई की जमानत अर्जी शुक्रवार को यह कहते हुए खारिज कर दी कि इस ऐप पर अपमानजनक एवं सांप्रदायिक रंग वाली सामग्री के साथ मुस्लिम महिलाओं के विरूद्ध मानहानिकारक अभियान चलाया जा रहा था।
मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट पंकज शर्मा ने यह कहते हुए राहत देने से इनकार कर दिया कि बिश्नोई की हरकत खास समुदाय की महिलाओं की गरिमा एवं समाज के सांप्रदायिक सद्भाव पर प्रहार है।
अदालत ने कहा, ‘‘ तथ्य उद्घाटित करते हैं कि आरोपी ने ‘बुली बाई’ ऐप बनाया जहां सोशल मीडिया पर चर्चित किसी खास समुदाय की महिला पत्रकारों एवं हस्तियों को निशाना बनाया जाता है और उनकी बुरी छवि पेश की जाती है ,उसका एकमात्र मकसद उनका अपमान करना होता है। ’’
बिश्नोई (22) ने अदालत से कहा कि उसे झूठे तरीके से फंसाया गया है और उसका इस अपराध से कोई लेना-देना नहीं है। शिकायतकर्ता के वकील ने इस जमानत अर्जी का विरोध किया।
इस ऐप पर 100 से अधिक जानी-मानी महिलाओं का ब्योरा है और ऐप उपयोगकर्ताओं को इन महिलाओं की ‘नीलामी’ में भाग लेने की अनुमति देता है।
बिश्नोई असम के जोरहाट जिले के दिगंबर इलाके का रहने वाला है और वह वेल्लूर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नॉलोजी में बीटेक का छात्र है। उसे इस माह के प्रारंभ में दिल्ली पुलिस की विशेष शाखा की फ्यूजन एंड स्ट्रेटेजिक ऑपरेशंस यूनिट की टीम ने असम से बुली बाई प्रकरण में गिरफ्तार किया था।
बेंगलुरु के एक अभियांत्रिकी विद्यार्थी, उत्तराखंड की एक युवती , उसके एक दोस्त को मुम्बई पुलिस ने इसी मामले में गिरफ्तार किया है।
भाषा राजकुमार पवनेश
पवनेश
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