दिल्ली सरकार ने अपने कर्मचारियों को मासिक किस्त पर ई-वाहन मुहैया कराने की योजना बनाई |

दिल्ली सरकार ने अपने कर्मचारियों को मासिक किस्त पर ई-वाहन मुहैया कराने की योजना बनाई

दिल्ली सरकार ने अपने कर्मचारियों को मासिक किस्त पर ई-वाहन मुहैया कराने की योजना बनाई

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:55 PM IST, Published Date : April 8, 2022/11:38 am IST

(गौरव सैनी)

नयी दिल्ली, आठ अप्रैल (भाषा) दिल्ली में वायु प्रदूषण कम करने के उद्देश्य से बड़े पैमाने पर इलेक्ट्रिक वाहन खरीद को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार की योजना अपने कर्मचारियों को मासिक किस्त पर ई-दुपहिया वाहन मुहैया कराने की है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी है।

सरकार ने ई-साइकिल को बढ़ावा देने के लिए बृहस्पतिवार को एक प्रमुख योजना की घोषणा की। इसके तहत पहले 10,000 इलेक्ट्रिक साइकिल खरीददारों को 25 फीसदी (10,000 रुपये तक का) प्रोत्साहन मिलेगा जबकि पहले 1,000 खरीददारों को अतिरिक्त 2,000 रुपये का फायदा मिलेगा।

एक अधिकारी ने नाम न उजागर करने की शर्त पर ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि दिल्ली सरकार अपने कर्मचारियों को इलेक्ट्रिक दुपहिया वाहन मुहैया कराने के लिए केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय के तहत आने वाली ‘कन्वर्जेंस एनर्जी सर्विसेज लिमिटेड’ (सीईएसएल) के साथ साझेदारी करने पर विचार कर रही है।

उन्होंने कहा कि दिल्ली में पंजीकृत नए वाहनों में दो तिहाई संख्या दुपहिया (स्कूटर और मोटरसाइकिल) वाहनों की होती है। इसे देखते हुए यह महत्वपूर्ण है कि राजधानी में वायु प्रदूषण में कमी लाने के लिए इस हिस्से को ई-वाहनों में तब्दील किया जाए।

अधिकारियों के अनुमान के मुताबिक, दिल्ली सरकार के तहत दो लाख से अधिक कर्मचारी काम करते हैं।

एक अन्य अधिकारी ने बताया कि सरकारी कर्मचारियों के लिए इलेक्ट्रिक दुपहिया योजना से आम जनता को ऐसे वाहन अपनाने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा।

उन्होंने बताया कि कर्मचारियों को उनके विभाग के जरिए इलेक्ट्रिक दुपहिया वाहन खरीदने के लिए बढ़ावा मिलेगा और उनके पास पूरा भुगतान करने या ईएमआई चुनने का विकल्प होगा।

सीईएसएल के एक अधिकारी ने बताया कि उन्होंने पिछले साल नवंबर में दिल्ली सरकार से संपर्क किया था और साझेदारी पर बातचीत चल रही है।

सीईएसएल राजमार्गों और एक्सप्रेसवे समेत राजधानी में चार्जिंग के बुनियादी ढांचे का निर्माण करने और उसके रखरखाव के लिए जिम्मेदार होगी। कंपनी ने केरल, गोवा और आंध्र प्रदेश से पहले ही करार कर लिया है।

भाषा

गोला संतोष

संतोष

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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