अनुसूचित जाति-जनजाति के नामांकन में गिरावट की समीक्षा के लिए दिल्ली विश्वविद्यालय ने गठित की समिति |

अनुसूचित जाति-जनजाति के नामांकन में गिरावट की समीक्षा के लिए दिल्ली विश्वविद्यालय ने गठित की समिति

अनुसूचित जाति-जनजाति के नामांकन में गिरावट की समीक्षा के लिए दिल्ली विश्वविद्यालय ने गठित की समिति

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:32 PM IST, Published Date : April 28, 2022/4:24 pm IST

नयी दिल्ली, 28 अप्रैल (भाषा ) दिल्ली विश्वविद्यालय में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (एससी-एसटी) के नामांकन में गिरावट की समीक्षा के लिए कुलपति योगेश सिंह ने एक आठ सदस्यीय समिति का गठन किया है।

समिति की अध्यक्षता छात्र कल्याण विभाग के डीन पंकज अरोड़ा करेंगे। छात्र कल्याण संयुक्त डीन गुरप्रीत सिंह को समित का सदस्य सचिव बनाया गया है।

गत 25 अप्रैल को जारी अधिसूचना में संयुक्त रजिस्ट्रार ने कहा, ‘‘कुलपति ने अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के विद्यार्थियों के नामांकन में गिरावट के मामले में समीक्षा को लेकर एक समिति का गठन किया है। यह समिति तत्काल प्रभाव से विश्वविद्यालय में इन विद्यार्थियों का नामांकन बढ़ाने को लेकर सिफारिश करेगी।’’

‘पीटीआई-भाषा’ से बातचीत में कुलपति ने कहा कि समिति यह समझने के लिए गठित की गई है कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के विद्यार्थियों के नामांकन में गिरावट क्यों आई? सिंह ने कहा, ‘‘विद्यार्थी सामान्यत: नामांकन कराने के बाद सीट छोड़ देते हैं, जिससे सीट खाली रह जाती है। हम इस गिरावट का कारण समझना चाहते हैं।’’

कुलपति ने कहा कि समिति के तीन-चार हफ्ते में रिपोर्ट दे देने की उम्मीद है, इसके बाद देखा जायेगा कि किस तरह के कदम उठाने की जरूरत है।

अरोड़ा के अलावा समिति में डीन (प्रवेश) संजीव सिंह, पुस्तकालय और सूचना विज्ञान विभाग के प्रो. केपी सिंह, बी.आर. आम्बेडकर सेंटर फॉर बायोमेडिकल रिसर्च (एसीबीआर) के प्रो. लैशराम राजेंद्रकुमार सिंह, देशबंधु कॉलेज के प्राचार्य प्रो. राजीव अग्रवाल, शिवाजी कॉलेज के सहायक प्रोफेसर महेंद्र मीणा और स्वामी श्रद्धानंद कॉलेज के सहायक प्रोफेसर सुधांशु कुमार शामिल हैं।

इस बीच दिल्ली विश्वविद्यालय शुक्रवार को एक वेबिनार आयोजित करेगा ताकि विश्वविद्यालय साझा प्रवेश परीक्षा(सीयूईटी) के तहत स्नातक पाठ्यक्रमों में प्रवेश से जुड़ी आरक्षण नीतियों से विद्याार्थियों को अवगत कराया जा सके।

भाषा

संतोष नरेश

नरेश

 

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