नईदिल्ली: Digital media: केंद्र की मोदी सरकार ने डिजिटल मीडिया को कानूनों के दायरे में लाने की तैयारी कर रही है। जिसके “उल्लंधन” पर भारत में डिजिटल मीडिया पर एक्शन लिया जा सकेगा। यदि इस बिल को मंजूरी प्राप्त होती है तो डिजिटल न्यूज साइट्स को “उल्लंघन” के लिए कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है, जिसमें रजिस्ट्रेशन को रद्द करना और जुर्माना शामिल है। इसके लिए केंद्र सरकार अगले सप्ताह संसद सत्र में प्रेस एवं पत्रिका पंजीकरण विधेयक, 2019 में संसोधन करने के लिए बिल लाएगी ताकि इसके दायरे में डिजिटल मीडिया इंडस्ट्री को भी लाया जा सके।
Digital media: केंद्र सरकार का यह नया बिल औपनिवेशिक काल के कानून- प्रेस एंड रेगुलेशन ऑफ बुक्स एक्ट 1867 की जगह लेगा, जो वर्तमान में केवल भारत में अखबार और प्रिंटिंग प्रेस इंडस्ट्री को रेगुलेट करता है। सूचना और प्रसारण मंत्रालय अब इस दायरे में “किसी भी इलेक्ट्रॉनिक उपकरण के माध्यम से डिजिटल मीडिया पर न्यूज” को शामिल करेगा। सूचना और प्रसारण मंत्रालय ही “प्रशासनिक मंत्रालय” होगा, जो इसके रेगुलेशन पर नजर रखेगा।
Read More: टला बड़ा हादसा: एयरपोर्ट पर लैंड करते वक्त फ्लाइट में आई खराबी, 222 यात्री थे सवार
Digital media: बता दें कि इससे पहले नए सूचना प्रौद्योगिकी नियमों की मदद से डिजिटल मीडिया को नियंत्रित करने के सरकार के पिछले प्रयास ने 2019 में बड़े पैमाने पर विवाद खड़ा कर दिया था। सरकार ने तब एक मसौदा विधेयक पेश किया था जिसमें डिजिटल मीडिया पर न्यूज को ऐसे परिभाषित किया गया था- ” ऐसा न्यूज जिसे डिजिटल प्रारूप में इंटरनेट, कंप्यूटर या मोबाइल नेटवर्क पर प्रसारित किया जा सकता है और इसमें टेक्स्ट, वीडियो, ऑडियो और ग्राफिक्स शामिल होंगे”।
Digital media: डिजिटल न्यूज पब्लिशर्स को रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन करना होगा और कानून लागू होने के 90 दिनों के भीतर ऐसा करना होगा। डिजिटल न्यूज पब्लिशर्स को प्रेस रजिस्ट्रार के पास रजिस्ट्रेशन कराना होगा, जिसके पास उल्लंघन की स्थिति में कार्रवाई करने का अधिकार होगा। वे रजिस्ट्रेशन को रद्द कर सकते हैं और जुर्माना भी लगा सकते हैं।
आपका वोट आपकी आवाज है: प्रधानमंत्री मोदी
51 mins agoलोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में 13 राज्य की 88…
59 mins ago