उत्तराखंड में दो लोगों को निवाला बनाने वाले आदमखोर बाघ को पकडने के प्रयास तेज |

उत्तराखंड में दो लोगों को निवाला बनाने वाले आदमखोर बाघ को पकडने के प्रयास तेज

उत्तराखंड में दो लोगों को निवाला बनाने वाले आदमखोर बाघ को पकडने के प्रयास तेज

:   Modified Date:  April 18, 2023 / 07:55 PM IST, Published Date : April 18, 2023/7:55 pm IST

पौड़ी (उत्तराखंड), 18 अप्रैल (भाषा) पौड़ी जिले के रिखणीखाल प्रखंड में पिछले तीन दिनों में दो बुजुर्गों को अपना निवाला बनाने वाले आदमखोर बाघ को कैद करने के प्रयास मंगलवार को और तेज कर दिए गए। वहीं, 13 अप्रैल को पहली वारदात वाली जगह डल्ला गांव के आसपास तीन बाघों की चहलकदमी दर्ज की गयी है। वन विभाग ने यह जानकारी दी।

डल्ला गांव के ग्राम प्रधान खुशेंद्र सिंह नेगी ने बताया कि ग्रामीणों ने क्षेत्र में तीन बाघों को घूमते देखा है और इस कारण डल्ला तथा आसपास के गांवों के निवासी लगातार दहशत में हैं।

गौरतलब है कि बाघ के हमले की पहली घटना डल्ला गांव में 13 अप्रैल को हुई थी जबकि 15 अप्रैल को सिमली गांव में दूसरी घटना हुई।

गढ़वाल के प्रभागीय वन अधिकारी स्वप्निल अनिरूद्ध ने ‘पीटीआई—भाषा’ को बताया कि सुरक्षा की दृष्टि से दोनों गांवों में बीस कैमरा ट्रैप, चार पिंजरे, दो ड्रोन कैमरे लगाए गए हैं तथा 20 वनकर्मियों की टीम बाघ को पकड़ने के काम में जुटी हुई है।

उन्होंने बताया कि देहरादून और हरिद्वार से दो पशुचिकित्सकों तथा बाघ को बेहोश करने वाली टीम भी क्षेत्र में पहुंच चुकी हैं।

वन अधिकारी ने बताया कि डल्ला गांव के आसपास बाघ चहलकदमी करते दिख रहे हैं लेकिन सिमली गांव में ऐसी कोई गतिविधि दर्ज नहीं हुई है। उन्होंने कहा, ‘‘फिलहाल हमारी प्राथमिकता बाघ को पिंजरे में कैद करना है।’’

हमले की घटनाओं से चिंतित पौड़ी के जिलाधिकारी आशीष चौहान ने क्षेत्र के करीब 25 बाघ प्रभावित गांवों में रात्रि कर्फ्यू लगा दिया है और स्कूलों तथा आंगनबाड़ी केन्द्रों को अगले आदेश तक या 21 अप्रैल तक बंद रखने का आदेश जारी किया है।

आदेश में शाम सात बजे के बाद और सुबह छह बजे से पहले लोगों को अनावश्यक रूप से घरों से बाहर नहीं आने की हिदायत दी गयी है और बहुत जरूरी होने पर समूहों में सतर्कता के साथ बाहर निकलने को कहा गया है।

कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के आर्डिनरी वन्यजीव प्रतिपालक दिनेश सिंह मांगला ने बताया कि प्रदेश का पूरा वन विभाग क्षेत्र के ग्रामीणों की सुरक्षा के लिए दिन—रात काम कर रहा है।

कालागढ़ टाइगर रिजर्व के प्रभागीय वन अधिकारी नीरज कुमार शर्मा ने बताया कि बाघ के हमले में मारे गए दोनों व्यक्तियों के घावों के नमूने लेकर बंगलुरू स्थित सेंटर फॉर माइक्रोबायोलोजी में जांच के लिए भेज दिए गए हैं जिससे यह पता चल सके कि दोनों घटनाओं के लिए एक ही बाघ जिम्मेदार है या अलग-अलग बाघ।

भाषा सं दीप्ति दीप्ति अर्पणा

अर्पणा

 

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