निर्वाचन आयोग ने प्रधानमंत्री पर आचार संहिता के उल्लंघन के आरोप को लेकर भाजपा से जवाब मांगा |

निर्वाचन आयोग ने प्रधानमंत्री पर आचार संहिता के उल्लंघन के आरोप को लेकर भाजपा से जवाब मांगा

निर्वाचन आयोग ने प्रधानमंत्री पर आचार संहिता के उल्लंघन के आरोप को लेकर भाजपा से जवाब मांगा

:   Modified Date:  April 25, 2024 / 04:15 PM IST, Published Date : April 25, 2024/4:15 pm IST

नयी दिल्ली, 25 अप्रैल (भाषा) किसी प्रधानमंत्री के खिलाफ आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन संबंधी शिकायत का पहली बार संज्ञान लेते हुए निर्वाचन आयोग ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को विपक्ष के इस आरोप पर बृहस्पतिवार को नोटिस जारी किया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राजस्थान के बांसवाड़ा में विभाजनकारी व मानहानिजनक भाषण दिया था।

इसी के साथ आयोग ने कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खरगे को भी नोटिस जारी किया और उनकी तथा पार्टी के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी की टिप्पणियों को लेकर भाजपा द्वारा दर्ज करायी गयी शिकायत पर उनसे (खरगे) से जवाब देने को कहा।

भाजपा प्रमुख जेपी नड्डा को लिखे पत्र में आयोग ने 21 अप्रैल को बांसवाड़ा में मोदी द्वारा की गई टिप्पणियों के संबंध में कांग्रेस, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) और भाकपा (एमएल) की ओर से दर्ज कराई गई शिकायतों पर उनसे सोमवार तक जवाब देने को कहा।

इन शिकायतों में मोदी के इन आरोपों का हवाला दिया गया है कि कांग्रेस लोगों की संपत्ति को मुसलमानों में बांटना चाहती है और विपक्षी दल महिलाओं के ‘मंगलसूत्र’ को भी नहीं बख्शेगा।

इस भाषण को लेकर बड़ा राजनीतिक विवाद हो गया। कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल प्रधानमंत्री पर झूठे दावे करने का आरोप लगा रहे हैं। वहीं दूसरी भाजपा का आरोप है कि कांग्रेस समाज के कमजोर वर्गों की कीमत पर मुस्लिम तुष्टिकरण का एजेंडा चला रही है।

आयोग ने नड्डा से यह भी कहा कि वह पार्टी के सभी स्टार प्रचारकों से राजनीतिक विमर्श के उच्च मानक तय करने और आदर्श आचार संहिता का अक्षरश: पालन करने के लिए कहें।

आयोग ने यह भी कहा कि उच्च पदों पर बैठे लोगों द्वारा दिए गए प्रचार भाषणों के अधिक गंभीर नतीजे होते हैं।

अधिकारियों ने कहा कि यह पहली बार है कि आयोग ने किसी प्रधानमंत्री के खिलाफ शिकायत का संज्ञान लिया हो।

साल 2019 के लोकसभा चुनावों में, आयोग ने विपक्षी दलों द्वारा दर्ज कराई गई शिकायतों पर मोदी को क्लीन चिट दे दी थी। तत्कालीन चुनाव आयुक्त अशोक लवासा ने प्रधानमंत्री के खिलाफ शिकायतों पर आयोग द्वारा लिए गए कुछ फैसलों पर असहमति नोट दिया था।

आयोग ने स्टार प्रचारकों पर लगाम लगाने के पहले कदम के तहत पार्टी अध्यक्षों को जिम्मेदार ठहराने के लिए जनप्रतिनिधि कानून के प्रावधानों का इस्तेमाल किया है।

उसके अनुसार, आयोग का विचार है जहां स्टार प्रचारक अपने भाषणों के लिए खुद जिम्मेदार होंगे, वहीं आयोग पार्टी प्रमुखों से ‘मामला-दर-मामला के आधार पर’ जवाब तलब करेगा।

अधिकारियों ने बताया कि इसी के साथ, आयोग ने पार्टी प्रमुखों पर ‘अतिरिक्त’ जिम्मेदारी डाली है।

हाल में खरगे से कांग्रेस के दो नेताओं द्वारा महिलाओं के खिलाफ की गई टिप्पणियों पर स्पष्टीकरण मांगा गया था।

आयोग ने इसी तरह का एक पत्र कांग्रेस अध्यक्ष को भी लिखा है जो उनके और गांधी के खिलाफ भाजपा द्वारा लगाए गए आरोपों से संबंधित है।

दोनों दलों के अध्यक्षों को लिखे गए पत्रों में आयोग ने मोदी, गांधी या खरगे का सीधे तौर पर नाम नहीं लिया है, लेकिन चिट्ठियों में उसे मिली शिकायतों को संलग्न किया गया है जिनमें तीनों नेताओं के खिलाफ आरोपों का ब्यौरा है।

दूसरी ओर, भाजपा ने आयोग को लिखे पत्र में कहा है कि केरल के कोट्टयम में गांधी ने अपने भाषण के दौरान मोदी के खिलाफ दुर्भावनापूर्ण और पूरी तरह से भयावह आरोप लगाए और दावा किया था कि प्रधानमंत्री एक राष्ट्र, एक भाषा, एक धर्म के विचार को आगे बढ़ा रहे हैं।

भाजपा ने कहा कि तमिलनाडु के कोयंबटूर में गांधी ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री ”हमारी भाषा, इतिहास और परंपरा” पर हमला कर रहे हैं।

भाजपा ने खरगे पर यह दावा करने के लिए आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप लगाया है कि उन्हें अनुसूचित जाति (एससी) एवं अनुसूचित जनजाति (एसटी) के खिलाफ भेदभाव के कारण राम मंदिर में संपन्न प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए आमंत्रित नहीं किया गया।

भाषा नोमान मनीषा

मनीषा

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)