नयी दिल्ली, 22 जुलाई (भाषा) केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र के 26वें सम्मेलन (सीओपी26) के अध्यक्ष आलोक शर्मा से शुक्रवार को मुलाकात की।
केंद्रीय मंत्री ने शर्मा के साथ अपनी बैठक में जलवायु परिवर्तन का मुकाबला करने के लिए विकासशील देशों को वित्त एवं प्रौद्योगिकी सहायता समयबद्ध तरीके से और प्रभावी ढंग से मुहैया कराए जाने पर जोर दिया।
उन्होंने ग्लासगो में हुए सीओपी26 के सफलतापूर्वक संपन्न कराने के लिए सभी हितधारकों के साथ संपर्क जारी रखने को लेकर शर्मा की सराहना की।
दोनों नेताओं ने इस बारे में चर्चा की कि भारत और ब्रिटेन किस तरह से ग्लासगो जलवायु समझौते को क्रियान्वित करने के लिए काम करना जारी रख सकते हैं। यह समझौता 2022 में उत्सर्जन कटौती योजना मजबूत करने का प्रावधान करता है ताकि ग्लोबल वार्मिंग को औद्योगीकरण पूर्व के 1.5 डिग्री सेल्सियस तापमान से आगे बढ़ने से रोका जा सके।
केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘यादव ने कहा कि जलवायु वित्त की मौजूदा गति और मात्रा तथा विकसित देशों से प्रौद्योगिकी सहयोग जलवायु परिवर्तन का मुकाबला करने में वैश्विक आकांक्षाओं को पूरा नहीं करता है।’’
बयान में कहा गया है, ‘‘उन्होंने वित्त एवं प्रौद्योगिकी सहित क्रियान्वयन सहायता के लक्ष्यों को पूरा करने की जरूरत पर जोर दिया।’’
मंत्री ने ट्वीट किया, ‘‘पेरिस समझौता और जलवायु प्रतिबद्धताओं के क्रियान्वयन में गति लाने के लिए विकासशील देशों की सहायता के वास्ते जलवायु वित्त एवं प्रौद्योगिकी हस्तांतरण प्रभावी तथा समयबद्ध तरीके से करने पर जोर दिया गया।’’
उल्लेखनीय है कि 2015 के पेरिस (जलवायु) समझौते में, विश्व के देश वैश्विक औसत तापमान में वृद्धि को दो डिग्री सेल्सियस से नीचे रखने और तापमान में वृद्धि 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित रखने की कोशिशें करने पर सहमत हुए थे।’’
शर्मा सीओपी-26 प्रतिबद्धताओं के क्रियान्वयन में शामिल मंत्रियों और जलवायु नेताओं से मिलने के लिए दो दिनों की भारत यात्रा पर हैं।
सीओपी अध्यक्ष के तौर पर शर्मा की यह तीसरी भारत यात्रा है। भारत की यात्रा के बाद, वह मिस्र में होने वाले सीओपी-27 से पहले मजबूत जलवायु कार्रवाई के समर्थन में सरकारों, देशों एवं नागरिक समाज संस्थाओं से संपर्क करने के लिए ऑस्ट्रेलिया और फिजी जाएंगे।
भाषा
सुभाष नरेश
नरेश
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