आबकारी घोटाला मामला: अदालत ने कविता को नहीं दी अंतरिम जमानत, कहा- ‘प्रथम दृष्टया’ सबूत नष्ट किए |

आबकारी घोटाला मामला: अदालत ने कविता को नहीं दी अंतरिम जमानत, कहा- ‘प्रथम दृष्टया’ सबूत नष्ट किए

आबकारी घोटाला मामला: अदालत ने कविता को नहीं दी अंतरिम जमानत, कहा- ‘प्रथम दृष्टया’ सबूत नष्ट किए

:   Modified Date:  April 8, 2024 / 08:24 PM IST, Published Date : April 8, 2024/8:24 pm IST

नयी दिल्ली, आठ अप्रैल (भाषा) दिल्ली की एक अदालत ने दिल्ली आबकारी नीति से संबंधित धनशोधन मामले में भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) की नेता के. कविता को अंतरिम जमानत देने से सोमवार को इनकार कर दिया। उसने कहा कि प्रथम दृष्टया उन्होंने न केवल सबूत नष्ट किए, बल्कि गवाहों को प्रभावित करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और राहत मिलने की स्थिति में भी उनके ऐसा करने की ‘पूरी संभावना’ है।

कविता ने अदालत से अंतरिम जमानत दिए जाने का अनुरोध करते हुए कहा था कि उनके 16 वर्षीय बेटे की परीक्षाएं हैं और उसे अपनी मां के ‘‘नैतिक एवं भावनात्मक समर्थन’’ की जरूरत है।

विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा ने कहा कि इस अदालत के समक्ष रखी गई सामग्री से ऐसा प्रतीत होता है कि आवेदक अपने फोन और डिजिटल उपकरणों को फॉर्मेट करके न केवल भौतिक साक्ष्य को नष्ट करने में लगी थीं, बल्कि उन्होंने गवाहों को प्रभावित करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और इस बात की पूरी संभावना है कि यदि उन्हें राहत प्रदान की जाती है तो वह ऐसा करना जारी रखेंगी।

न्यायाधीश ने कहा कि कविता को उच्च शिक्षित बताया गया है और किसी भी मानक के अनुसार यह नहीं कहा जा सकता कि ‘‘एक कमजोर महिला को कथित अपराध करने के लिए बलि का बकरा’’ बनाया जा सकता है। अदालत ने कहा कि वह निस्संदेह एक ‘सुशिक्षित’ और ‘समाज में अच्छा स्थान वाली महिला’ हैं।

कविता की इस दलील के जवाब में कि उनके पति उनकी ओर से मुकदमेबाजी में व्यस्त हैं, न्यायाधीश ने कहा कि यह अंतरिम जमानत देने के लिए ‘ठोस कारण’ नहीं है। अदालत ने कहा कि ‘ऐसा भी प्रतीत होता है कि बच्चे की तथाकथित परीक्षा संबंधी चिंता उनकी (पिता की) प्राथमिकता नहीं दिखती।’’

न्यायाधीश ने कहा कि इसका कोई स्पष्ट कारण नहीं है कि करीबी रिश्तेदार (बड़े भाई-बहन, पिता और मौसी) बच्चे को परीक्षा के दौरान अपेक्षित नैतिक समर्थन क्यों नहीं दे सकते।

उन्होंने कहा कि यह तर्क अंतरिम जमानत देने का कोई अनिवार्य कारण नहीं है कि वे (करीबी रिश्तेदार) बच्चे की परीक्षा संबंधी चिंता को दूर करने के लिए मां का विकल्प नहीं बन सकते।

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कविता की दलील का विरोध करते हुए दावा किया कि उन्होंने मामले में सबूत नष्ट किए और गवाहों को प्रभावित किया।

एजेंसी ने आरोप लगाया है कि कविता उस ‘साउथ ग्रुप’ की प्रमुख सदस्य थीं, जिस पर राष्ट्रीय राजधानी में शराब लाइसेंस के एक बड़े हिस्से के बदले दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) को 100 करोड़ रुपये की रिश्वत देने का आरोप है।

कविता (46) को 15 मार्च को हैदराबाद स्थित उनके बंजारा हिल्स आवास से गिरफ्तार किया गया था।

इसके बाद उन्हें अगले दिन सात दिन के लिए प्रवर्तन निदेशालय की हिरासत में भेज दिया गया था। बाद में हिरासत में पूछताछ के लिए यह अवधि तीन दिन और बढ़ा दी गई थी। कविता को पिछले मंगलवार को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था।

भाषा नेत्रपाल वैभव

वैभव

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)