(कुणाल दत्त)
नयी दिल्ली, 15 अप्रैल (भाषा) भारत में इजराइल के राजदूत नाओर गिलोन ने सोमवार को यहां कहा कि इजराइल ‘‘मजबूत और परिस्थिति के अनुसार ढलने में सक्षम’’ है और वह ईरान के हालिया हमले के बाद जरूरत पड़ने पर उसका ‘‘मुकाबला’’ करेगा।
उन्होंने साथ ही कहा कि भारत को पश्चिम एशिया क्षेत्र में स्थिरता लाने में भूमिका निभानी चाहिए।
गिलोन ने यहां इजराइली दूतावास में ‘पीटीआई-भाषा’ से साक्षात्कार के दौरान कहा कि अमेरिका और ‘‘क्षेत्र में अन्य मित्रों’’ के समर्थन से इजराइली रक्षा बल ईरान द्वारा दागे गए ‘‘99 प्रतिशत’’ ड्रोन और मिसाइल रोकने में सफल रहे।
उन्होंने कहा कि लेकिन शनिवार देर रात हुए हमले में नेवातिम हवाई अड्डे को ‘‘मामूली क्षति’’ पहुंची।
इजराइल पर ईरान द्वारा ड्रोन और मिसाइल हमला किये जाने के बाद भारत ने रविवार को कहा था कि वह दोनों देशों के बीच बढ़ते संघर्ष को लेकर अत्यंत चिंतित है और हमले से क्षेत्रीय शांति और सुरक्षा को खतरा है।
ईरान ने एक अप्रैल को दमिश्क में ईरान के वाणिज्य दूतावास पर संदिग्ध इजराइली हवाई हमले में दो जनरल सहित ईरान के ‘रिवोल्यूशनरी गार्ड’ के सात कर्मियों के मारे जाने की घटना के जवाब में शनिवार देर रात इजराइल पर सैंकड़ों ड्रोन और मिसाइल दागीं।
भारत ने इस घटनाक्रम पर चिंता जताते हुए तत्काल तनाव कम करने की अपील की। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने रविवार को अपने इजराइली और ईरानी समकक्षों के साथ टेलीफोन पर बात की।
राजदूत गिलोन ने साक्षात्कार के दौरान कहा कि भारत को स्थिति को सामान्य करने के लिए ‘‘अंतरराष्ट्रीय क्षेत्र में एक बहुत सम्मानित पक्ष के रूप में अपना प्रभाव डालना चाहिए।’’
उनसे सवाल किया गया था कि जयशंकर द्वारा इजराइल और ईरान में अपने समकक्षों के साथ टेलीफोन पर बातचीत किए जाने के मद्देनजर, उन्हें वर्तमान स्थिति में भारत से किस भूमिका की अपेक्षा है।
गिलोन ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि एक मित्र के रूप में हम भारत से यह उम्मीद करते हैं कि वह अंतरराष्ट्रीय समुदाय में बेहद मजबूती से यह सुनिश्चित करे कि ईरान पश्चिम एशिया में अस्थिरता पैदा करने की अपनी गतिविधियों को रोके।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि एक क्षेत्र के रूप में पश्चिम एशिया भारत के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि उस क्षेत्र में लाखों भारतीय काम करते हैं। उसके (क्षेत्र में) कई व्यापारिक संबंध हैं। संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब, कतर के साथ मजबूत संबंध हैं। मुझे लगता है कि यह बहुत महत्वपूर्ण है कि भारत ईरान को रोकने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय के हिस्से के रूप में सक्रिय भूमिका निभाए।’’
गिलोन ने कहा कि ईरान ने इजराइली रक्षा प्रणाली को भेदने की कोशिश में ‘‘350 अलग-अलग ड्रोन और क्रूज मिसाइल से लेकर सतह से सतह तक मार करने वाली मिसाइलें यानी कुल मिलाकर लगभग 60 टन विस्फोटक’’ एक साथ दागे थे।
इजराली राजदूत ने कहा, ‘‘अमेरिका एवं क्षेत्र में अन्य मित्रों, हमारी वायु रक्षा और वायु सेना की विशाल क्षमता के कारण हम इनमें से 99 प्रतिशत मिसाइल और ड्रोन को रोकने में सफल रहे और सौभाग्य से किसी की मौत नहीं हुई। इजराइल के दक्षिण में सात साल की एक लड़की गंभीर रूप से घायल हो गई है। मैं उम्मीद करता हूं कि वह स्वस्थ हो जाएगी।’’
गिलोन ने आरोप लगाया कि यह हमला बहुत लंबे समय से जारी ‘‘ईरान के व्यवहार की स्पष्ट निरंतरता’’ है, जिससे पश्चिम एशिया में अस्थिरता पैदा हुई है।
राजदूत ने कहा कि दो दिन पहले उन्होंने ‘‘तरीका बदला और ईरान के क्षेत्र से’’ और अन्य स्थानों एवं छद्म स्थानों से भी ‘‘इजराइल पर सीधे हमला किया।’’
राजदूत ने कहा, ‘‘ईरान इस व्यवहार को जारी नहीं रख सकता, अगर हमें जरूरत पड़ी तो हम ईरान का मुकाबला करेंगे। यह हमारी पसंद नहीं है। हम यहां केवल जवाब दे रहे हैं और हमें जवाबी कार्रवाई करने या ईरान को यह संदेश भेजने के लिए संभवत: उचित समय मिल जाएगा कि यह अस्वीकार्य है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमें जवाबी कार्रवाई करते हुए संदेश भेजना चाहिए कि यह अस्वीकार्य है।’’
यह पूछे जाने पर कि इजराइल में नागरिकों के बीच सुरक्षा की भावना को मजबूत करने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं, गिलोन ने कहा, ‘‘ईरानी हमले को रोकने की बड़ी सफलता से उनमें सुरक्षा की भावना बढ़ी है।’’
उन्होंने कहा कि इजराइल किसी इजराइली या थाईलैंड निवासी या भारतीय निवासी के बीच ‘‘कोई अंतर’’ नहीं करता है और ‘‘हमारे लिए, सभी समान हैं।’’
गिलोन ने कहा, ‘‘हम उन सभी की समान तरीके से रक्षा करने की कोशिश कर रहे हैं। (इजराइल में) इजराइली और विदेशी नागरिकों में कोई अंतर नहीं है और हम उनके साथ एक जैसा व्यवहार करते हैं।’’
आधिकारिक अनुमान के अनुसार, वर्तमान में लगभग 18,500 भारतीय इजराइल में रह रहे हैं।
राजदूत ने कहा, ‘‘अगर ईरान अपने परमाणु कार्यक्रम को आगे बढ़ाता है… तो यह न केवल इजराइल के लिए, बल्कि दुनिया के लिए विनाशकारी होगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए, इसे इस दृष्टिकोण से भी देखना होगा। मुझे लगता है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को ईरान पर दबाव बनाने के लिए एकजुट होना चाहिए।’’
ईरानी सेना द्वारा होर्मुज जलडमरूमध्य के पास इजराइल से जुड़े एक मालवाहक पोत को अपने कब्जे में लिए जाने के मद्देनजर राजदूत ने आरोप लगाया कि अंतरराष्ट्रीय जल क्षेत्र में पोत को रोकना ईरान द्वारा की गई ‘‘समुद्री डकैती’’ है।
ईरान की सेना ने शनिवार को होर्मुज जलडमरूमध्य के पास इजराइल से जुड़े एक मालवाहक जहाज को अपने कब्जे में ले लिया था। पोत पर चालक दल के 17 भारतीय सदस्य सवार थे। पुर्तगाली झंडे वाले जहाज ‘एमएससी एरीज’ पर सवार भारतीयों की रिहायी सुनिश्चित करने के लिए भारत ईरान के संपर्क में है।
विदेश मंत्री जयशंकर ने रविवार को अपने ईरानी समकक्ष हुसैन अमीर-अब्दुल्लाह्यान से बात की और पुर्तगाली ध्वज वाले मालवाहक जहाज पर सवार 17 भारतीय नागरिकों की रिहाई की मांग की।
यह पूछे जाने पर कि क्या भविष्य में प्रौद्योगिकी संघर्षों की दिशा तय करेगी, गिलोन ने कहा, ‘‘हमें कहना होगा कि इजराइल द्वारा विकसित प्रौद्योगिकी और हमारे बहुत कुशल पायलट’’ ने क्रूज मिसाइलों का मुकाबला किया।
उन्होंने कहा, ‘‘भविष्य के युद्धों में प्रौद्योगिकी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।’’
भाषा सिम्मी शफीक
शफीक
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