नयी दिल्ली, 25 नवंबर (भाषा) कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन के दो साल पूरे होने के मौके पर शनिवार को किसान संघ देश भर में राजभवनों तक मार्च निकालेंगे।
किसान नेताओं ने शुक्रवार को कहा कि सरकार ने कई मांगें पूरी नहीं की हैं। इसलिए इस मार्च के जरिए किसान विरोध दर्ज कराएंगे।
किसान नेताओं ने दावा किया कि सरकार ने उन्हें लिखित में दिया था कि वह चर्चा करके फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के लिए कानून लाएगी, लेकिन अब तक कुछ नहीं किया गया।
उल्लेखनीय है कि पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हजारों किसानों ने तीन कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर एक साल से अधिक समय तक राष्ट्रीय राजधानी की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन किया था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल नवंबर में तीनों कानूनों को रद्द करने की घोषणा की थी। इसके बाद आंदोलन खत्म कर दिया गया था।
संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के नेता हन्नान मोल्लाह ने फोन पर ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, “उन्होंने हमें लिखित आश्वासन दिया गया और कई मांगों पर सहमति जताई गई लेकिन कुछ भी नहीं किया गया। सरकार ने साबित कर दिया है कि वह देशद्रोही है और उसने देश के किसानों को धोखा दिया है। वे कॉरपोरेट्स की रक्षा कर रहे हैं। उन्होंने साबित कर दिया है कि हमारी मांगों को पूरा करने का उनका कोई इरादा नहीं है।”
मोल्लाह शनिवार को विरोध मार्च में शामिल होने के लिए लखनऊ में हैं।
भाषा जोहेब रंजन
रंजन
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