Vishvendra Singh demanded maintenance

Royal Family Dispute:’मुझे मेरी पत्नी और बेटे मारते हैं, भरपेट खाना भी नहीं देते’, पूर्व मंत्री ने बयां किया अपना दर्द

Vishvendra Singh demanded maintenance: 'मुझे मेरी पत्नी और बेटे मारते हैं, भरपेट खाना भी नहीं देते', पूर्व मंत्री ने बयां किया अपना दर्द

Edited By :   Modified Date:  May 19, 2024 / 08:25 PM IST, Published Date : May 19, 2024/8:20 pm IST

Vishvendra Singh demanded maintenance: जयपुर। भरतपुर के पूर्व राजघराने का पारिवारिक विवाद उस समय खुलकर सामने आ गया जब राजस्थान के पूर्व कैबिनेट मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने अपनी पत्नी और बेटे के खिलाफ उप संभागीय मजिस्ट्रेट (एसडीएम) की अदालत में एक आवेदन दायर किया और भरण-पोषण खर्च की मांग की। उनका आरोप है कि उनकी पत्नी तथा बेटा उन्हें पीटते थे और भरपेट खाना भी नहीं मिलता था, जिससे तंग आकर वह घर छोड़कर चले गये। इसके जवाब में उनकी पत्नी और बेटे ने सिंह पर पैतृक संपत्ति बेचने तथा उनकी छवि खराब करने का आरोप लगाया।

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भरतपुर के पूर्व राजघराने के परिवार के सदस्य विश्वेंद्र सिंह ने मार्च में एसडीएम अदालत में माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों के भरण पोषण तथा कल्याण अधिनियम, 2007 के तहत एक आवेदन दायर किया था। वह पूर्ववर्ती अशोक गहलोत सरकार में कैबिनेट मंत्री थे जबकि उनकी पत्नी भरतपुर से लोकसभा सदस्य रही हैं। इस संबंध में रविवार को एक अखबार में खबर छपने के बाद विश्वेंद्र सिंह की पत्नी दिव्या सिंह और बेटे अनिरुद्ध सिंह ने भरतपुर में संवाददाता सम्मेलन कर विश्वेंद्र सिंह पर परेशान करने और उनकी छवि खराब करने का आरोप लगाया।

अदालत में दिये अपने आवेदन में 62 वर्षीय विश्वेंद्र सिंह ने कहा, ‘‘वह हृदय रोगी हैं और अवसाद का सामना नहीं कर सकते।’’ यह भी कहा कि वर्ष 2021 और 2022 में दो बार कोविड-19 से संक्रमित होने के बावजूद, उनकी पत्नी और बेटा उनकी सहायता करने या देखभाल करने में विफल रहे। उन्होंने कहा, ‘‘पिछले कुछ वर्षों से, मेरी पत्नी और बेटे ने मेरे खिलाफ विद्रोह शुरू कर दिया है। उन्होंने मुझ पर हमला किया। मेरे दस्तावेज़ और कपड़े जला दिए तथा मेरे साथ मौखिक दुर्व्यवहार किया। खाना तक देना बंद कर दिया।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे किसी से भी मिलने की मनाही थी और उन्होंने मुझे महल के भीतर लंबे समय तक यातना दी। आखिरकार, उन्होंने मुझे घर से निकाल दिया और मैं कई वर्षों से कहीं और रह रहा हूं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘महल से निकाले जाने के बाद से मैं खानाबदोश जीवन व्यतीत कर रहा हूं। शुरुआत से मैं जयपुर में अपने सरकारी आवास में रहा, और बाद में मैं होटल में रहने लगा।’’ सिंह ने आवेदन में कहा, ‘‘वे मुझे महल तक पहुंचने से लगातार मना कर रहे हैं।’’ उन्होंने आगे कहा कि उनकी पत्नी और बेटे के पास पूर्वजों से विरासत में मिली कई प्राचीन वस्तुएं, ट्रॉफी, पेंटिंग और फर्नीचर हैं, जिनकी कीमत करोड़ों रुपये है।

सिंह ने अपने बेटे और पत्नी से भरण-पोषण के दावे के रूप में पांच लाख रुपये प्रति माह की मांग की है। इसके अतिरिक्त उन्होंने महल का स्वामित्व उनकी सभी संपत्तियों सहित उन्हें हस्तांतरित करने की मांग की है। सिंह ने कहा, ‘‘मैंने अपने बेटे और पत्नी से भरण-पोषण के लिए एक आवेदन दायर किया है। उन्होंने मेरे पैतृक महल, सोना और सारी संपत्ति पर कब्जा कर लिया है। उन्होंने मेरे साथ मारपीट की और मुझे जबरन महल से बाहर निकाल दिया।’’ सिंह की पत्नी दिव्या सिंह और बेटे अनिरुद्ध ने सभी आरोपों को खारिज करते हुए विश्वेंद्र सिंह पर पैतृक संपत्ति बेचने का आरोप लगाया।

दिव्या सिंह ने कहा, ‘‘मेरा बेटा अनिरुद्ध सिंह मेरी देखभाल कर रहा है। मैं अपनी संपत्ति सुरक्षित करने की कोशिश कर रही हूं, जबकि उन्होंने सब कुछ बेच दिया है।’’ पारिवारिक विवाद तब बढ़ गया जब विश्वेंद्र सिंह ने मोती महल को बेचने का प्रयास किया। उनके बेटे अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि आवेदन मार्च 2024 में दायर किया गया था और पिता ने एसडीएम पर दबाव बनाने का प्रयास किया था। उन्होंने अपने पिता के आरोपों को झूठा बताते हुए खारिज कर दिया कि उनके पिता पूर्व सरकार में कैबिनेट मंत्री थे और उन पर किसी भी हमले की संभावना नहीं थी।

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Vishvendra Singh demanded maintenance: अनिरुद्ध सिंह ने तर्क दिया कि जब उनके पिता पर कथित तौर पर हमला किया गया तो उन्हें पुलिस से संपर्क करना चाहिए था। उन्होंने कहा, ‘‘वह हमें बदनाम करने के लिए ऐसे आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने मार्च में अर्जी दाखिल की थी। प्रत्येक सुनवाई पर हमारा अधिवक्ता प्रतिनिधित्व कर रहा है जबकि वह हर बार तारीख मांग रहे हैं। हम मामले को पेशेवर तरीके से संभाल रहे हैं, जबकि वह सिर्फ अपने पक्ष में फैसला लेने के लिए एसडीएम पर दबाव बनाना चाहते हैं।’’

 

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