पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य की स्वास्थ्य स्थिति स्थिर |

पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य की स्वास्थ्य स्थिति स्थिर

पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य की स्वास्थ्य स्थिति स्थिर

:   Modified Date:  August 4, 2023 / 03:21 PM IST, Published Date : August 4, 2023/3:21 pm IST

कोलकाता, चार अगस्त (भाषा) श्वास संबंधी समस्या को लेकर अलीपुर के वुडलैंड्स अस्पताल में भर्ती पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य के स्वास्थ्य में काफी सुधार हुआ है और वह ‘चिकित्सकीय रूप से स्थिर’ हैं।

उनका इलाज कर रहे एक डॉक्टर ने शुक्रवार को बताया कि भट्टाचार्य ‘नॉन-इनवेसिव वेंटिलेटरी सपोर्ट’ पर हैं।

डॉक्टर ने कहा, “भट्टाचार्य अस्पताल में भर्ती होने के सातवें दिन भी नॉन-इनवेसिव वेंटिलेटरी सपोर्ट पर हैं। वह होश में हैं और चिकित्सकों व आगंतुकों के सवालों के जवाब दे रहे हैं।”

उन्होंने बताया कि एक पल्मोनोलॉजिस्ट (फेफड़े संबंधी बीमारियों का इलाज करने वाले विशेषज्ञ) ने पूर्व मुख्यमंत्री की जांच की और उन्हें कुछ दवाएं देने को कहा।

डॉक्टर के मुताबिक, 79 वर्षीय भट्टाचार्य को नसों के जरिये एंटीबायोटिक दवाएं चढ़ाई जा रही हैं और यह प्रक्रिया शनिवार तक जारी रहेगी।

उन्होंने कहा, “भट्टाचार्य को राइल्स ट्यूब के जरिये भोजन दिया जा रहा है और उनके निगलने की प्रणाली की जांच की जा रही है। उनकी स्वास्थ्य ​​स्थिति स्थिर बनी हुई है।”

भट्टाचार्य को सांस लेने में समस्या के कारण अलीपुर के वुडलैंड्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था और उनमें श्वसन नली के निचले भाग में संक्रमण और ‘टाइप-2’ श्वसन संबंधी परेशानी की पुष्टि हुई थी। वह काफी समय से क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी बीमारी और उम्र संबंधी स्वास्थ्य जटिलताओं से जूझ रहे हैं।

भट्टाचार्य ने पार्टी के वरिष्ठ नेता ज्योति बसु के स्थान पर 2000 में पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री का पदभार संभाला था। वह 2011 तक मुख्यमंत्री पद पर रहे। उसी दौरान उद्योगों के लिए भू अधिग्रहण को लेकर ममता बनर्जी की अगुवाई में आंदोलन हुआ था।

वर्ष 2011 में राज्य की सत्ता गंवाने के बाद भट्टाचार्य नीत मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) सत्ता में दोबारा वापसी नहीं कर पाई। राज्य में माकपा के 34 वर्षों के शासन को खत्म कर तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सत्ता में आई और ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री बनीं।

पिछले कुछ वर्षों से भट्टाचार्य खराब स्वास्थ्य के कारण सार्वजनिक जीवन से दूर हैं। उन्होंने 2015 में माकपा की पोलित ब्यूरो और सेंट्रल कमेटी से इस्तीफा दे दिया था और फिर 2018 में पार्टी के राज्य सचिवालय की सदस्यता भी छोड़ दी थी।

भट्टाचार्य को सार्वजनिक रूप से आखिरी बार तब देखा गया था, जब वह 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले कोलकाता के ब्रिगेड परेड ग्राउंड में वाम दल की रैली में अचानक पहुंच गए थे। उस समय भी वह ऑक्सीजन सपोर्ट पर थे।

भाषा साजन पारुल

पारुल

 

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