राजस्थान के जालोर की टांसजेंडर गंगा को पुलिस कांस्टेबल बनने के लिए आम लोगों की अपेक्षा दोहरी मेहनत करना पढ़ा। जालोर के रानीवड़ा के जाखड़ी गांव की गंगा कुमारी ने 2013 में पुलिस कांस्टेबल की परीक्षा दी जिसमें वह उत्तीर्ण रही जिसके बाद उसने फिजीकल टेस्ट भी पास किए। लेकिन बात जब मेडिकल टेस्ट की आई तो वहां के डाॅक्टरों ने उसके किन्नर होने के कारण उनकी भर्ती में ना नुकूर करना शुरू कर दिया।
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बात गंगा की समझ में भी आ गई थी उसने पुलिस अधिकारियों, अफसर, नेता सभी से गुहार लगाई लेकिन उसकी सुनवाई नहीं हुई। अंत में उसने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया जहां से उसे दो साल बाद न्याय मिला। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार और पीएचक्यू को आदेश जारी कर गंगा को उसका पद ससम्मान लौटाने के निर्देश दिए। अब जालोर के छोटे से गांव की गंगा पूरे प्रदेश के लिए मिसाल बन चुकी है।
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वह प्रदेश की पहली किन्नर कांस्टेबल बनने वाली है। गंगा ने इसके बाद न्यायालय का शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि मैं हिम्मत नहीं हारी थी लोगों ने कहा की सरकार से लड़ना आसान नहीं लेकिन मुझे पता था की मुझे न्याय मिलेगा और वह मुझे मिला।
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