नई दिल्ली । गोधरा कोर्ट ने गोधरा कांड के आरोपी रफीक हुसैन भटुक को उम्रकैद की सजा सुनाई। आरोपी पिछले 19 साल से फरार था, जिसे बीते वर्ष पुलिस ने गिरफ्तार किया। इस मसले पर सुनवाई करते हुए गोधरा की सत्र अदालत ने आरोपी रफीक हुसैन भटुक को आजीवन कारावास की सजा सुनाई हैं।
27 फरवरी 2002 को गोधरा स्टेशन पर साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन के एक कोच में भीड़ ने आग लगा दी गई थी। इस घटना में 59 कारसेवकों की जलकर मौत हो गई थी। इसी के बाद गुजरात में 2002 के दंगे हुए थे। इस घटना ने भारतीय इतिहास को बदल कर रख दिया। अहमदाबाद जाने के लिए साबरमती एक्सप्रेस गोधरा स्टेशन से चली ही थी कि किसी ने चेन खींचकर गाड़ी रोक ली और फिर पथराव के बाद ट्रेन के एक डिब्बे में आग लगा दी। ट्रेन में अयोध्या से लौट रहे तीर्थयात्री सवार थे।
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गोधरा कांड के बाद चले मुकदमों में करीब 9 साल बाद 31 लोगों को दोषी ठहराया गया था। 2011 में SIT कोर्ट ने 11 दोषियों को फांसी और 20 को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। बाद में अक्टूबर 2017 में गुजरात हाईकोर्ट ने 11 दोषियों की फांसी की सजा को भी उम्रकैद में बदल दिया था।
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इन दंगों में एक हजार से ज्यादा लोग मारे गए थे, जिनमें 790 मुसलमान और 254 हिंदू थे। गोधरा कांड के एक दिन बाद 28 फरवरी को अहमदाबाद की गुलबर्ग हाउसिंग सोसायटी में बेकाबू भीड़ ने 69 लोगों की हत्या कर दी थी।
ट्रक और कार की टक्कर में तीन की मौत,दो घायल
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