सरकार ने पुतिन की यात्रा से पहले एके-203 राइफल समझौते को अंतिम मंजूरी दी |

सरकार ने पुतिन की यात्रा से पहले एके-203 राइफल समझौते को अंतिम मंजूरी दी

सरकार ने पुतिन की यात्रा से पहले एके-203 राइफल समझौते को अंतिम मंजूरी दी

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:10 PM IST, Published Date : December 4, 2021/10:07 pm IST

नयी दिल्ली, चार दिसंबर (भाषा) केंद्र सरकार ने उत्तर प्रदेश के अमेठी के कोरवा में 5,000 करोड़ रुपये की लागत वाले पांच लाख से अधिक एके-203 असॉल्ट राइफल के विनिर्माण समझौते को अपनी अंतिम मंजूरी दे दी है। आधिकारिक सूत्रों ने शनिवार को यह जानकारी दी।

उन्होंने कहा कि इस बड़े सौदे की औपचारिक घोषणा सोमवार को दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच शिखर सम्मेलन में होने की उम्मीद है।

सूत्रों ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता वाली सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीएस) ने बुधवार को इस सौदे को मंजूरी प्रदान कर दी। इससे कुछ दिन पहले इसे रक्षा खरीद परिषद (डीएसी) ने हरी झंडी दिखाई थी।

इस संबंध में एक सूत्र ने कहा, ‘भारत में रक्षा निर्माण में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के प्रयास में, सरकार ने अमेठी के कोरवा में पांच लाख से अधिक एके-203 असॉल्ट राइफलों के उत्पादन की योजना को मंजूरी दी है।’

पिछले साल रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की मॉस्को यात्रा के दौरान रूस और भारत दोनों ने सौदे के लिए सैद्धांतिक मंजूरी दी थी।

सूत्रों ने कहा कि उत्तर प्रदेश भारत का रक्षा विनिर्माण केंद्र बनने के मार्ग पर है। एक सूत्र ने कहा, ‘‘यह रक्षा अधिग्रहण में खरीद (वैश्विक) से मेक इन इंडिया तक के सफर में लगातार होते बड़े परिवर्तन को दर्शाता है। यह प्रयास रूस के साथ साझेदारी में किया जाएगा और यह रक्षा क्षेत्र में दोनों देशों के बीच गहरी होती साझेदारी को दर्शाता है।’’

उन्होंने कहा कि यह परियोजना विभिन्न सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) और अन्य रक्षा उद्योगों को कच्चे माल तथा घटकों की आपूर्ति के लिए व्यावसायिक अवसर प्रदान करेगी, जिससे रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।

ये 7.62 X 39एमएम कैलिबर एके-203 (असॉल्ट कालाश्निकोव-203) राइफल तीन दशक पहले शामिल सेवा में जारी इंसास राइफल की जगह लेंगी।

सूत्रों ने बताया कि एके-203 असॉल्ट राइफल, 300 मीटर की प्रभावी रेंज के साथ, हल्की, मजबूत और प्रमाणित तकनीक के साथ आसानी से उपयोग में लाई जा सकने वाली आधुनिक असॉल्ट राइफल हैं। ये वर्तमान और परिकल्पित अभियान संबंधी चुनौतियों का पर्याप्त रूप से सामना करने के लिए सैनिकों की युद्ध क्षमता को बढ़ाएंगी।

ये आतंकवाद और उग्रवाद रोधी अभियानों में भारतीय सेना की परिचालन प्रभावशीलता को बढ़ाएंगी। उन्होंने बताया कि यह परियोजना इंडो-रशियन राइफल्स प्राइवेट लिमिटेड (आईआरआरपीएल) नामक एक विशेष प्रयोजन के संयुक्त उद्यम द्वारा कार्यान्वित की जाएगी। यह भारत के तत्कालीन ओएफबी-आयुध निर्माणी बोर्ड (अब एडवांस्ड वेपन्स एंड इक्विपमेंट इंडिया लिमिटेड (एडब्ल्यूईआईएल) और म्यूनिशन्स इंडिया लिमिटेड (एमआईएल) तथा रूस के रोसोबोरोनएक्सपोर्ट (आरओई) एवं कालाश्निकोव के साथ बनाया गया है।

भाषा नेत्रपाल माधव

माधव

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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