नयी दिल्ली, 14 सितंबर (भाषा) अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के जलवायु मामलों के विशेष दूत जॉन कैरी ने मंगलवार को कहा कि उन्होंने भारत सरकार से कहा है कि जलवायु संबंधी महत्वाकांक्षाओं (लक्ष्यों) को आगे बढ़ाया जाना ”अत्यावश्यक” है। साथ ही उन्होंने विश्वास जताया है कि भारत, ब्रिटेन के ग्लासगोव में संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन (सीओपी26) के दौरान कुछ घोषणाएं करेगा। यह सम्मेलन 31 अक्टूबर से 12 नवंबर तक चलेगा।
कैरी ने कहा कि यदि भारत वर्ष 2030 तक 450 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा के लक्ष्य को प्राप्त करने सफल होता है, तो यह एक विकासशील देश द्वारा दुनिया के तापमान में वृद्धि को ”1.5 डिग्री सेल्सियस पर बरकरार रखने” के प्रयासों में बड़ा योगदान साबित होगा।
उन्होंने कहा, ” मैं निजी तौर पर आग्रह करता हूं कि सरकार राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (एनडीसी) को लेकर स्पष्ट रूप से घोषणा करने के बारे में सोचे।”
कैरी जलवायु संकट से निपटने के मद्देनजर वार्ता को लेकर भारत की तीन दिवसीय यात्रा पर हैं।
कैरी से मीडिया ने सवाल किया कि क्या उन्होंने भारत सरकार को उसकी जलवायु महत्वाकांक्षा को आगे बढ़ाने को कहा है तो कैरी ने कहा, ” मैंने उनसे कहा कि यह अत्यावश्यक है। हमें यह करना है। लोगों ने मुझे स्पष्ट रूप से ना या हां नहीं कहा है। मैं किसी ऐसे व्यक्ति से नहीं मिला जिसने कहा हो कि यह बेकार विचार है और हम ऐसा नहीं करने जा रहे हैं।”
अमेरिकी राष्ट्रपति के जलवायु मामलों के विशेष दूत ने कहा, ”यह निर्णय लेने के लिए भारत में आंतरिक विचार-विमर्श करने की जरूरत है। मुझे विश्वास है कि भारत सीओपी26 में जाने के दौरान किसी न किसी बात की घोषणा करने जा रहा है और वो भी ऐसी, जैसा कि कई अन्य देशों से आपने अभी तक नहीं सुना होगा।”
भाषा शफीक माधव
माधव
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