कोयला-रेल-बिजली संकट से निपटने के लिए सरकार 'बिल्कुल भी तैयार नहीं': चिदंबरम |

कोयला-रेल-बिजली संकट से निपटने के लिए सरकार ‘बिल्कुल भी तैयार नहीं’: चिदंबरम

कोयला-रेल-बिजली संकट से निपटने के लिए सरकार 'बिल्कुल भी तैयार नहीं': चिदंबरम

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:07 PM IST, Published Date : April 30, 2022/4:54 pm IST

नयी दिल्ली, 30 अप्रैल (भाषा) कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने शनिवार को व्यापक बिजली कटौती के मुद्दे को लेकर केंद्र पर तंज कसते हुए कहा कि सरकार ने ‘सही समाधान’ ढूंढ़ लिया है, जो यात्री ट्रेन को रद्द करने और कोयला से लदी ट्रेन (मालगाड़ी) चलाने का है।

चिदंबरम ने यह भी कहा कि कोयला, रेलवे और बिजली मंत्रालय अपनी ”भारी अक्षमता” को छिपाने के लिए बहाने ढूंढ़ रहे हैं।

विभिन्न राज्यों में शुक्रवार को भी बिजली संकट का सामना किया। तापमान में वृद्धि होने बिजली की मांग और बढ़ गई। वहीं विपक्षी दलों ने ताप संयंत्रों में कोयले की कमी के लिए केंद्र को जिम्मेदार ठहराया।

इस मुद्दे को लेकर सरकार पर निशाना साधते हुए चिदंबरम ने कहा, ‘‘प्रचुर मात्रा में कोयला, बड़े रेल नेटवर्क, ताप संयंत्रों में अप्रयुक्त क्षमता, फिर भी बिजली की भारी किल्लत है। मोदी सरकार को दोष नहीं दिया जा सकता। यह कांग्रेस के 60 साल के शासन के कारण है।’’

उन्होंने व्यंग्य करते हुए कहा, ”कोयला, रेलवे या बिजली मंत्रालयों में कोई अक्षमतावान नहीं है। दोष उक्त विभागों के पूर्व कांग्रेसी मंत्रियों का है। सरकार ने ढुंढा सही समाधान: यात्री ट्रेनों को रद्द करें और कोयले के रेक चलाएँ। मोदी है, मुमकिन है।”

बाद में चिदंबरम ने एक अन्य ट्वीट में कहा कि कोयला, रेलवे और ऊर्जा मंत्रालय अपनी ”भारी अक्षमता” को छिपाने के लिए बहाने गढ़ रहे हैं।

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘अगर उन्हें ऐसा लग रहा था कि हमारी अर्थव्यवस्था ‘वी’ आकार में रिकवरी कर रही है तो उन्हें कोयला उत्पादन बढ़ाने के साथ ही इसका आयात भी बढ़ा देना चाहिए था।’’

उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था में सुधार ‘वी’ आकार में न रहने और सिर्फ टुकड़ों में स्थिति बेहतर होने के बावजूद सरकार कोयला कोयला-रेल-बिजली संकट से निपटने के लिए ”बिल्कुल भी तैयार” नहीं है।

उन्होंने जनता से कहा कि चूंकि कमी बनी हुई है और मुद्रास्फीति बढ़ रही है, कृपया अधिक कठिनाइयों के लिए तैयार रहें।

गौरतलब है कि लू जारी रहने के कारण देशभर में बिजली की मांग शुक्रवार को 207.11 गीगावॉट के सर्वकालिक उच्चतम स्तर पर पहुंच गई और रेलवे ने कोयला माल ढुलाई की सुविधा के लिए 42 यात्री ट्रेन को रद्द कर दिया। वहीं कोयला उत्पादक क्षेत्रों में रेल नेटवर्क वाले दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे (एसईसीआर) डिवीजन ने 34 ट्रेन रद्द कर दी।

आम आदमी पार्टी और कांग्रेस नेताओं ने मौजूदा बिजली संकट के लिए केंद्र को जिम्मेदार ठहराया और आरोप लगाया कि बिजली संयंत्रों को कोयला वितरण के लिए रसद सहायता प्रदान नहीं की जा रही है।

भाषा फाल्गुनी अमित

अमित

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)