गुजरात के रेजीडेंट डॉक्टर स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में प्रवेश में देरी के खिलाफ फिर हड़ताल पर |

गुजरात के रेजीडेंट डॉक्टर स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में प्रवेश में देरी के खिलाफ फिर हड़ताल पर

गुजरात के रेजीडेंट डॉक्टर स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में प्रवेश में देरी के खिलाफ फिर हड़ताल पर

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:05 PM IST, Published Date : December 7, 2021/3:44 pm IST

अहमदाबाद, सात दिसंबर (भाषा) गुजरात के विभिन्न चिकित्सा महाविद्यालय के करीब 1000 रेजीडेंट डॉक्टर मंगलवार को एक दिन की हड़ताल पर चले गए। उनका दावा है कि स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में नए छात्रों के प्रवेश में देरी की वजह से सिविल अस्पतालों में मानवबल की कमी हो गई है और इससे उनपर कार्य का बोझ बढ़ गया है।

विभिन्न सरकारी अस्पतालों के रेजीडेंट डॉक्टरों ने गत 29 नवंबर को भी इसी तरह की हड़ताल की थी और सुबह नौ बजे से शाम पांच बजे तक बाह्य रोगी विभाग (ओपीडी) की सेवा से दूर रहे थे।

अहमदाबाद स्थित बीजे मेडिकल कॉलेज में जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के उपाध्यक्ष डॉ.ओमन प्रजापति ने कहा कि क्योंकि उनकी मांगों को नहीं सुना गया, इसलिए उन्होंने मंगलवार को भी हड़ताल करने का फैसला किया।

प्रजापति ने कहा, ‘‘रेजीडेंट डॉक्टरों की हड़ताल से मरीजों पर असर नहीं होगा क्योंकि वे आपातकालीन सेवाओं को जारी रखेंगे। परंतु हमारी मांगों का जल्द समाधान नहीं किया गया तो हम अपनी अन्य सेवाओं से दूर हो सकते हैं।’’ उन्होंने दावा किया कि मानवबल की कमी की वजह से एक रेजीडेंट डॉक्टर तीन लोगों का काम कर रहा है।

गुजरात के सूरत और वडोदरा सहित अहम शहरों के रेजीडेंट डॉक्टर भी इस हड़ताल में शामिल हुए और अपने-अपने चिकित्सा महाविद्यालय के सामने धरना देकर विरोध जताया।

रेजीडेंट डॉक्टर नीट-पीजी काउंसलिंग को स्थगित करने का विरोध कर रहे हैं। उनका दावा है कि इससे डॉक्टरों की कमी हो रही है और सरकारी अस्पतालों में मरीजों के इलाज की गुणवत्ता प्रभावित हो रही है।

भाषा धीरज प्रशांत

प्रशांत

 

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