ज्ञानवापी मस्जिद का मुद्दा एक राष्ट्रीय विवाद : काशी विश्वनाथ के अधिवक्ता |

ज्ञानवापी मस्जिद का मुद्दा एक राष्ट्रीय विवाद : काशी विश्वनाथ के अधिवक्ता

ज्ञानवापी मस्जिद का मुद्दा एक राष्ट्रीय विवाद : काशी विश्वनाथ के अधिवक्ता

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:18 PM IST, Published Date : April 4, 2022/10:06 pm IST

प्रयागराज (उप्र), चार अप्रैल (भाषा) वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर के अधिवक्ता ने सोमवार को इलाहाबाद उच्च न्यायालय में कहा कि काशी विश्वनाथ मंदिर-ज्ञानवापी मस्जिद का मुद्दा सरल शब्दों में संपत्ति का विवाद नहीं है, बल्कि यह एक राष्ट्रीय मुद्दा है जिससे करोड़ों लोगों की भावनाएं जुड़ी हुई हैं।

वाराणसी के अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद एवं अन्य द्वारा दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया ने अन्य संबंधित मामलों के साथ इस मामले में सुनवाई आठ अप्रैल, 2022 तक के लिए टाल दी। मंदिर के अधिवक्ता ने कहा, हिंदू समुदाय का मानना है कि विवादित स्थल भगवान विश्वेश्वर का एक मंदिर है, जबकि मुस्लिम समुदाय का मानना है कि विवादित स्थल एक मस्जिद है। इसके अलावा, राम जन्मभूमि मामले में निर्णय ने मौजूदा मामले का महत्व बढ़ा दिया है।

सुनवाई के दौरान, मंदिर के वकील ने कहा कि धार्मिक ढांचे का चरित्र संपूर्ण संपत्ति के आधार पर निर्धारित होता है, ना कि संपत्ति के हिस्से के आधार पर और महज केवल एक भाग बदलकर उस संपत्ति का धार्मिक चरित्र नहीं बदला जा सकता है। उन्होंने यह दलील भी दी कि संपूर्ण साक्ष्य सामने आने पर ही एक संपत्ति का धार्मिक चरित्र निर्धारित हो पाएगा। मस्जिद को वक्फ की संपत्ति घोषित करने मात्र से वक्फ कानून लागू नहीं हो जाता, क्योंकि यह हिंदुओं और मुस्लिमों के बीच का विवाद है।

इससे पूर्व 24 मार्च को मंदिर की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता ने दलील दी थी कि पूजा स्थल का धार्मिक चरित्र वैसा ही है जैसा 15 अगस्त, 1947 को था। इसलिए पूजा स्थल अधिनियम, 1991 के प्रावधान यहां लागू नहीं किए जा सकते। पूजा स्थल अधिनियम की धारा 4, 15 अगस्त, 1947 से मौजूद किसी भी पूजा स्थल के धार्मिक चरित्र के परिवर्तन के संबंध में किसी भी तरह के मुकदमे या किसी अन्य कानूनी कार्यवाही करने से रोकती है।

मूल मुकदमा वाराणसी में 1991 में दायर किया गया था जिसमें जिला अदालत से इस प्राचीन मंदिर को बहाल करने का अनुरोध किया गया था। वाराणसी की अदालत ने आठ अप्रैल, 2021 को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को काशी विश्वनाथ मंदिर- ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का सर्वेक्षण करने का निर्देश दिया था, जिससे यह पता लगाया जा सके कि क्या वहां मौजूद मस्जिद का निर्माण कराने के लिए मंदिर को तोड़ा गया था। इसके बाद, उच्च न्यायालय ने मौजूदा मामले में नौ सितंबर, 2021 को वाराणसी की अदालत के आदेश पर रोक लगा दी थी।

भाषा राजेंद्र सुरभि

सुरभि

 

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