क्या पुलिस ने 2020 के दिल्ली दंगे को लेकर यूएपीए के तहत दर्ज मामले की जांच पूरी कर ली है: अदालत |

क्या पुलिस ने 2020 के दिल्ली दंगे को लेकर यूएपीए के तहत दर्ज मामले की जांच पूरी कर ली है: अदालत

क्या पुलिस ने 2020 के दिल्ली दंगे को लेकर यूएपीए के तहत दर्ज मामले की जांच पूरी कर ली है: अदालत

:   Modified Date:  February 29, 2024 / 07:49 PM IST, Published Date : February 29, 2024/7:49 pm IST

नयी दिल्ली, 29 फरवरी (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को राष्ट्रीय राजधानी की पुलिस से सवाल किया कि क्या उसने 2020 के सांप्रदायिक दंगे के पीछे कथित बृहद साजिश होने के आरोपों की जांच पूरी कर ली है, जिसमें कई छात्र कार्यकर्ताओं के खिलाफ गैर-कानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत प्राथमिकी दर्ज है।

न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने दिल्ली पुलिस से सवाल किया कि क्या वे इस मामले में कोई और पूरक आरोप-पत्र दाखिल करना चाहते हैं।

पीठ ने पुलिस की ओर से पेश अधिवक्ता को मौखिक आदेश में कहा, ‘‘निर्देश लेकर अदालत में बयान दर्ज कराएं कि जांच बंद कर दी गई है या अब भी जारी है। हम इसे रिकॉर्ड पर दर्ज करेंगे।’’

इस खंडपीठ में न्यायमूर्ति मनोज कुमार जैन भी शामिल हैं।

मामले में आरोपी और ‘यूनाइटेड अगेन्स्ट हेट’ के संस्थापक खालिद सैफी की जमानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए अदालत ने कहा, ‘‘हमें बताएं कि पांचवां पूरक आरोप-पत्र दाखिल किया जाएगा या नहीं।’’

सैफी की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता ने कहा कि उनका मुवक्किल गत चार साल से हिरासत में है और निचली अदालत में मामले की सुनवाई पूरी होने में लंबा समय लग सकता है।

उन्होंने कहा कि मामले में 18 से अधिक आरोपी हैं और निचली अदालत में मामले की सुनवाई में देरी हो रही है, जहां आरोपियों के खिलाफ अभियोग तक तय नहीं किया गया है और इसके लिए उनके मुवक्किल को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है।

दिल्ली पुलिस ने सैफी की जमानत अर्जी का विरोध करते हुए दलील दी कि साजिश की वजह से हिंसा हुई और यह सुरक्षा प्रदान किए गए गवाहों की गवाही और आरोपियों के व्हाट्सऐप चैट से साबित किया जा सकता है।

खालिद सैफी के अलावा, शरजील इमाम, उमर खालिद, देवांगना कलिता और नताशा नरवाल सहित कई छात्र कार्यकर्ताओं के खिलाफ गैर-कानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम और भारतीय दंड संहिता की सुसंगत धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है। इनपर दंगे का ‘मुख्य साजिशकर्ता’ होने का आरोप है।

उत्तर पूर्वी दिल्ली में फरवरी 2020 में हुए दंगे में 53 लोगों की मौत हुई थी और करीब 700 घायल हुए थे।

भाषा धीरज सुरेश

सुरेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)