उच्च न्यायालय ने अतिक्रमण विरोधी अभियान संबंधी याचिकाओं पर सुनवाई नहीं की |

उच्च न्यायालय ने अतिक्रमण विरोधी अभियान संबंधी याचिकाओं पर सुनवाई नहीं की

उच्च न्यायालय ने अतिक्रमण विरोधी अभियान संबंधी याचिकाओं पर सुनवाई नहीं की

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:11 PM IST, Published Date : April 20, 2022/7:34 pm IST

नयी दिल्ली, 20 अप्रैल (भाषा) हिंसा प्रभावित जहांगीरपुरी इलाके में उत्तरी दिल्ली नगर निगम के अतिक्रमण विरोधी अभियान के खिलाफ याचिकाओं पर दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को सुनवाई नहीं की। अदालत ने इस मामले में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा यथास्थिति बनाए रखने के आदेश के बाद सुनवाई नहीं की।

इससे पहले उच्च न्यायालय जहांगीरपुरी में अतिक्रमण रोधी अभियान के खिलाफ दायर याचिकाओं पर बुधवार को सुनवाई करने के लिए तैयार हो गया था। कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने वकीलों को उनकी याचिकाएं दायर करने का निर्देश दिया और कहा, ‘‘ मैं कुछ नहीं कह रहा हूं (विध्वंस कार्य रोकने के लिए), लेकिन उन्हें (अधिकारियों को) तैयार रहना चाहिए (निर्देशों के लिए)।’’ पीठ में न्यायमूर्ति नवीन चावला भी शामिल थे।

बाद में पीठ को एक वकील ने सूचित किया कि उच्चतम न्यायालय ने वहां यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया है और साम्प्रदायिक अपराधों के आरोपी को कथित रूप से निशाना बनाते हुए नागरिक निकायों की कार्रवाई को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करने के लिए सहमत हो गया है।

इसके बाद एक जनहित याचिका सहित याचिकाएं उच्च न्यायालय के समक्ष सुनवाई के लिए नहीं आईं।

सुबह जब इस मामले का जिक्र किया गया तो अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल चेतन शर्मा ने कहा कि उच्चतम न्यायालय पहले ही मामले पर गौर कर रहा है। उसके बाद कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि याचिकाएं दायर होने के बाद दिन में इन पर सुनवाई की जाएगी। साथ ही, उन्होंने पाया कि ‘‘ कोई नई कार्रवाई नहीं की जा रही’’ और अभियान पहले से ही जारी था।

पीड़ित पक्षों में से एक की ओर से पेश हुईं वकील ने अदालत से दोपहर दो बजे तक निवासियों को ‘‘सुरक्षा’’ प्रदान करने का आग्रह किया।

उन्होंने कहा कि हिंसा के बाद, कुछ स्थानीय लोग क्षेत्र में नहीं हैं और कुछ हिरासत में हैं।

गौरतलब है कि उत्तर-पश्चिमी दिल्ली के जहांगीरपुरी में शनिवार को हनुमान जयंती के जुलूस के दौरान दो समुदायों के बीच पथराव, आगजनी और गोलीबारी की घटनाएं हुई थीं। हिंसा में आठ पुलिसकर्मियों के अलावा एक स्थानीय नागरिक घायल हो गया था।

भाषा अविनाश मनीषा

मनीषा

 

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