नयी दिल्ली, 23 मई (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने चांदनी चौक के रख-रखाव और पुनर्विकास के बचे हुए कार्यों को पूरा कराने के लिए सोमवार को एक समिति बनाने का निर्देश दिया।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि पुनर्विकास की प्रक्रिया में बहुत समय, प्रयास और पैसा लगा है और इसकी स्थिति परियोजना शुरू होने से पहले वाली नहीं होनी चाहिए।
अदालत ने कहा कि सभी संबंधित विभागों के नोडल अधिकारियों की सदस्यता वाली समिति बनाई जाए जिसके अध्यक्ष मुख्य नोडल अधिकारी हों। पीठ ने समिति के गठन के बाद छह हफ्ते में याचिका में उठाए गए पहलुओं की स्थिति रिपोर्ट तलब की है।
अदालत ने दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव को दो सप्ताह के भीतर मुख्य नोडल अधिकारी नियुक्ति करने का निर्देश दिया। साथ ही स्पष्ट किया कि समिति के गठन के बाद दो सप्ताह के भीतर उसकी बैठक बुलाई जानी चाहिए।
इस पीठ में न्यायमूर्ति सचिन दत्ता भी शामिल थे।
अदालत ने यह आदेश उन अर्जी पर सुनवाई के दौरान दिया जिसमें अदालत ने चांदनी चौक पुनर्विकास परियोजना पर स्वत: संज्ञान लेकर जनहित याचिका स्वीकार की थी।
उल्लेखनीय है कि अक्टूबर 2020 में उच्च न्यायालय ने अखबारों में ‘‘ इलाके की खराब स्थिति’’को लेकर छपी तस्वीरों के आधार पर स्वत: संज्ञान लिया था। साथ ही उच्च न्यायालय की रजिस्ट्री को जनहित याचिका पंजीकृत करने का निर्देश दिया था।
इस मामले की अब अगली सुनवाई 23 अगस्त को होगी।
भाषा धीरज उमा
उमा
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