भारतीय संस्कृति में हमेशा जरूरतमंदों की सेवा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है: कोविंद |

भारतीय संस्कृति में हमेशा जरूरतमंदों की सेवा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है: कोविंद

भारतीय संस्कृति में हमेशा जरूरतमंदों की सेवा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है: कोविंद

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:30 PM IST, Published Date : February 20, 2022/3:47 pm IST

पुरी (ओडिशा), 20 फरवरी (भाषा) राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने रविवार को कहा कि मानवता और सच्चाई को जाति, लिंग या धर्म के आधार पर विभाजित नहीं किया जा सकता है क्योंकि भारतीय संस्कृति में हमेशा जरूरतमंदों की सेवा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है।

कोविंद ने यहां गौड़ीय मठ एवं मिशन के संस्थापक श्रीमद भक्ति सिद्धांत सरस्वती गोस्वामी प्रभुपाद के 150वें जयंती समारोह का उद्घाटन करते हुए कहा कि भारत में विभिन्न धार्मिक परंपराएं और पद्धतियां प्रचलन में हैं लेकिन एकमात्र मान्यता यह है कि पूरी मानतवा को एक परिवार समझकर सभी के कल्याण के लिए काम करना।

राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘जरूरतमंदों की सेवा करने को हमारी संस्कृति में शीर्ष स्थान प्रदान किया गया है। मानवता एवं सच्चाई सर्वोच्च हैं जिन्हें विभाजित नहीं किया जा सकता। आखिरी लक्ष्य समाज का कल्याण है।’’

चिकित्सकों, नर्सों एवं स्वास्थ्यकर्मियों की प्रशंसा करते हुए कोविंद ने कहा कि उन्होंने कोविड-19 महामारी के दौरान सेवा के इसी जज्बे को प्रदर्शित किया जबकि उनमें से कई इस वायरस से संक्रमित भी हो गये थे।

कोविड-19 मुक्त विश्व के लिए प्रार्थना करते हुए राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘ हमारे कोविड योद्धाओं ने अपनी जान कुर्बान कर दी लेकिन उनके सहकर्मियों का समर्पण अटूट रहा। पूरा देश हमेशा ऐसे योद्धाओं का ऋणी रहेगा।’’

भाषा राजकुमार देवेंद्र

देवेंद्र

 

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