स्कूल बसों के 30 फीसदी तक किराया बढ़ाने से अभिभावकों पर बोझ बढ़ा |

स्कूल बसों के 30 फीसदी तक किराया बढ़ाने से अभिभावकों पर बोझ बढ़ा

स्कूल बसों के 30 फीसदी तक किराया बढ़ाने से अभिभावकों पर बोझ बढ़ा

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 09:01 PM IST, Published Date : April 6, 2022/7:07 pm IST

नयी दिल्ली, छह अप्रैल (भाषा) स्कूल जाने वाले बच्चों की ऑफ लाइन कक्षाएं शुरू होने के साथ ही अभिभावकों का बजट गड़बड़ा गया है क्योंकि दिल्ली-एनसीआर के अधिकतर स्कूलों ने परिवहन भुगतान में 30 फीसदी तक का इजाफा किया है।

एक तरफ जहां अभिभावकों का दावा है कि स्कूल इसे अतिरिक्त आय मानते हैं तो दूसरी तरफ, प्रधानाचार्यों का कहना है कि वे इस मामले में कोई मदद नहीं कर सकते क्योंकि डीजल की कीमतों में जबरदस्त उछाल आया है।

दिल्ली अभिभावक संघ (डीपीए) की अध्यक्ष अपराजिता गौतम ने कहा कि कई स्कूल परिवहन भुगतान में दोगुना या तीन गुना कर रहे हैं क्योंकि वे इसे आय का अतिरिक्त साधन मान रहे हैं।

उन्होंने कहा, ” अब, इस महंगे विकल्प को चुनने के बजाय अभिभावक कार पूलिंग या निजी कैब जैसे अन्य विकल्पों का सहारा ले रहे हैं क्योंकि पहले से ही महंगाई की मार झेल रहे मध्यम वर्गीय परिवारों पर यह अतिरिक्त बोझ पड़ रहा है।”

कई अभिभावकों ने दावा किया कि महामारी के मद्देनजर ऑनलाइन कक्षाएं चलने के दौरान स्कूल कोई भी परिवहन फीस नहीं वसूल रहे थे लेकिन अब स्कूल खुलने के बाद लॉकडाउन से पहले की तुलना में स्कूली बसों के किराये में भारी बढ़ोत्तरी की गई है।

अभिभावक रुद्र दत्त ने कहा कि स्कूल वाले ईंधन के दाम बढ़ने का हवाला देकर खुद को असहाय करार दे रहे हैं, ऐसे में अभिभावकों के पास कोई विकल्प नहीं बचता है।

गुरुग्राम की रिशू ढींगरा ने कहा कि स्कूल ने परिवहन फीस में इजाफा किया है और अब अभिभावकों के पास कोई अन्य रास्ता नहीं है। उन्होंने कहा कि स्कूलों ने पिछले दो साल से ट्यूशन फीस नहीं बढ़ाई और अब वे इसमें भी वृद्धि करेंगे।

एक मशहूर निजी स्कूल के प्रधानाचार्य ने नाम सार्वजनिक नहीं करने की शर्त पर कहा, ” पिछले दो साल में आपूर्ति श्रृंखला और आर्थिक तौर पर हालात में काफी बदलाव आया है। ईंधन की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि होने के बावजूद ट्रांसपोर्टर से पुराने किराये की उम्मीद करना उचित नहीं है। हम अभिभावकों की दिक्कत समझते हैं इसलिए परिवहन फीस में कम से कम बढ़ोत्तरी की कोशिश की गई है।”

भाषा शफीक उमा

उमा

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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