भारत और ब्रिटेन ने रक्षा, कारोबार एवं निवेश संबंधों को और प्रगाढ़ बनाने का निर्णय किया |

भारत और ब्रिटेन ने रक्षा, कारोबार एवं निवेश संबंधों को और प्रगाढ़ बनाने का निर्णय किया

भारत और ब्रिटेन ने रक्षा, कारोबार एवं निवेश संबंधों को और प्रगाढ़ बनाने का निर्णय किया

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:04 PM IST, Published Date : April 22, 2022/8:04 pm IST

नयी दिल्ली, 22 अप्रैल (भाषा) दुनिया में तीव्र भू-राजनीतिक उथल पुथल की पृष्ठभूमि में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके ब्रिटिश समकक्ष बोरिस जॉनसन ने शुक्रवार को एक नये एवं विस्तारित भारत-ब्रिटेन रक्षा गठजोड़ पर सहमति व्यक्त की तथा अक्तूबर 2022 तक समग्र एवं संतुलित मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर बातचीत को पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया।

दोनों नेताओं ने ‘रोडमैप 2030’ सहित द्विपक्षीय संबंधों के सभी आयामों की समीक्षा की तथा विभिन्न क्षेत्रों में गठजोड़ को और प्रगाढ़ बनाने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया। प्रधानमंत्री मोदी ने भारत के राष्ट्रीय हाइड्रोजन मिशन में शामिल होने के लिए ब्रिटेन को आमंत्रित किया।

संयुक्त बयान के अनुसार, दोनों नेताओं ने भारत एवं ब्रिटेन की अर्थव्यवस्थाओं द्वारा प्रदर्शित मजबूत लचीलेपन और द्विपक्षीय कारोबार में सकारात्मक वृद्धि का स्वागत किया जिसने वर्ष 2030 तक कारोबार को दोगुना करने की क्षमता प्रदर्शित की है।

इसमें कहा गया है कि, ‘‘ मोदी और जॉनसन ने विस्तारित कारोबार गठजोड़ (ईटीपी) के तहत हुई प्रगति पर संतोष व्यक्त किया तथा बाजार से जुड़े लंबित मुद्दों का संतुलित ढंग से जल्द समाधान निकालने की बात कही।’’

दोनों नेताओं के बीच संबंधों के विविध आयामों पर विस्तृत चर्चा के बाद ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘ आज हम एक नयी, विस्तारित रक्षा और सुरक्षा साझेदारी पर सहमत हुए हैं।’’

उन्होंने कहा कि यह हमारे संबंधों को प्रगाढ़ बनाने की दशकों पुरानी प्रतिबद्धता और साथ ही नरेंद्र मोदी के मेक इन इंडिया के लक्ष्य की दिशा में भी है।

जॉनसन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपना ‘खास दोस्त’ बताया ।

संयुक्त बयान के अनुसार, दोनों नेताओं ने जनवरी 2022 में मुक्त व्यापार समझौते पर बातचीत शुरू होने का स्वागत किया और इस दिशा में अब तक हुई प्रगति पर संतोष व्यक्त किया ।

इसमें कहा गया है कि एफटीए पर समझौता होने से दोनों देशों के कारोबार एवं वाणिज्यिक संबंधों की पूरी क्षमता को हासिल किया जा सकेगा तथा रोजगार, निवेश एवं निर्यात बढ़ेगा ।

संयुक्त बयान के अनुसार, ‘‘ दोनों देशों ने अक्तूबर 2022 तक समग्र एवं संतुलित मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर अधिकांश बातचीत को पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया। ’’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) के विषय पर दोनों देशों के दल काम कर रहे हैं। बातचीत में अच्छी प्रगति हो रही है।

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘ हमने इस साल के अंत तक एफटीए को अंतिम रूप देने की दिशा में पूरा प्रयास करने का निर्णय लिया है।’’

वहीं, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने मुक्त व्यापार समझौते का जिक्र करते हुए कहा कि इस विषय पर बातचीत में चार चैप्टर पूरे हुए हैं और अगले सप्ताह अगले दौर की वार्ता होगी।

उन्होंने कहा कि हमने इसे अक्टूबर या दीपावली तक पूरा करने को कहा है।

जॉनसन ने कहा कि इससे हमारा कारोबार एवं निवेश एक दशक में दोगुना हो सकता है।

ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने कहा कि ब्रिटेन भारत पर केंद्रित मुक्त सामान्य निर्यात लाइसेंस बनाने पर काम कर रहा है, जिससे नौकरशाही की बाधाएं कम होंगी और रक्षा खरीद में कम समय लगेगा।

जॉनसन ने कहा कि दोनों पक्षों ने जमीन, समुद्र, वायु क्षेत्र और साइबर क्षेत्र सहित नये खतरों से निपटने के लिए साथ काम करने पर भी सहमति व्यक्त की ।

उन्होंने कहा कि ब्रिटेन नये लड़ाकू विमानों की प्रौद्योगिकी और नौवहन प्रौद्योगिकी पर भारत के साथ सहयोग करेगा, साथ समुद्र में खतरों को लेकर भी प्रतिक्रिया देगा ।

संयुक्त बयान में कहा गया है कि प्रधानमंत्री मोदी और ब्रिटिश प्रधानमंत्री जॉनसन ने भारत-ब्रिटेन समग्र सामरिक गठजोड़ के महत्वपूर्ण स्तम्भ के रूप में रक्षा एवं सुरक्षा सहयोग में बदलाव लाने की प्रतिबद्धता पर जोर दिया तथा मुक्त, खुला एवं सुरक्षित हिन्द प्रशांत को समर्थन देने के लिए सहयोग सम्पर्क बढ़ाने की बात कही ।

मोदी और जॉनसन ने ‘रोडमैप 2030’ को लागू किये जाने की दिशा में हुई प्रगति की समीक्षा की और इस दिशा में प्रतिबद्धता को लेकर हुई प्रगति का स्वागत किया ।

बैठक के बाद संयुक्त मीडिया संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज की बातचीत में हमने इस रोडमैप में हुई प्रगति की समीक्षा की और आगामी समय के लिए कुछ लक्ष्य भी तय किए।

संयुक्त बयान के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी ने ब्रिटिश अंतरराष्ट्रीय निवेश (बीआईआई) के माध्यम से वर्ष 2022-26 तक भारत में जलवायु से जुड़ी परियोजनाओं में एक अरब डालर के सार्वजनिक वित्त पोषण की ब्रिटेन की प्रतिबद्धता का स्वागत किया ।

इसमें कहा गया है कि दोनों नेताओं ने भारत-ब्रिटेन वैश्विक नवाचार गठजोड़ (जीआईपी) को लागू करने की व्यवस्था को अंतिम रूप देने का स्वागत किया जो त्रिपक्षीय विकास सहयोग के संबंध में है। इसके तहत भारत और ब्रिटेन अगले 14 वर्षों में भारत से एशिया, अफ्रीका और हिन्द प्रशांत के किसी तीसरे देश को जलवायु उन्नत समावेशी नवाचार के लिये 10 करोड़ डालर तक सह वित्त पोषण करेंगे ।

दोनों नेताओं ने भारत-ब्रिटेन असैन्य परमाणु सहयोग को मजबूत बनाने की इच्छा की पुन:पुष्टि की और वैश्विक परमाणु ऊर्जा गठजोड़ केंद्र (जीसीएनईपी) के साथ ब्रिटेन के नये गठजोड़ का स्वागत किया। यह परमाणु ऊर्जा अध्ययन, रेडियो सक्रिय संबंधी उपयोग, परमाणु सुरक्षा पर संयुक्त शोध एवं प्रशिक्षण को बढ़ावा देने से संबंधित है।

बैठक में दोनों नेताओं ने क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर हो रहे अन्य घटनाक्रमों पर भी चर्चा की और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में एक खुली, समावेशी और नियम-आधारित व्यवस्था बनाए रखने पर जोर दिया।

प्रधानमंत्री मोदी ने हिंद-प्रशांत महासागरीय पहल से जुड़ने के लिए ब्रिटेन के फैसले का स्वागत किया।

उन्होंने कहा कि जॉनसन से वार्ता के दौरान उन्होंने एक शांतिपूर्ण, स्थिर और धर्मनिरपेक्ष अफगानिस्तान के साथ ही वहां एक समावेशी और प्रतिनिधित्व पर आधारित सरकार के लिए अपना समर्थन दोहराया।

मोदी ने कहा, ‘‘यह आवश्यक है कि अफगान भूमि का प्रयोग अन्य देशों में आतंकवाद फैलाने के लिए नहीं होना चाहिए।’’

वहीं, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ वार्ता के बाद कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि हम हिंद-प्रशांत को स्वतंत्र व मुक्त रखने में सहयोग बढ़ाएं।

जॉनसन ने कहा कि हमारी वार्ता अच्छी रही और इनसे हमारे संबंधों को मजबूती मिली है।

ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने कहा कि दुनिया बढ़ते निरंकुश संघर्षो के खतरों का सामना कर रही है और ऐसे में भारत और ब्रिटेन के लिये यह महत्वपूर्ण है कि दोनों देश अपने सहयोग को और मजबूत बनाएं ।

उन्होंने कहा, ‘‘ आज हमने नये कदमों की घोषणा की है जिससे ब्रिटेन में निर्मित चिकित्सा उपकरणों का भारत को निर्यात आसान हो जायेगा ।’’

उन्होंने कहा कि इसके साथ ही उच्च शिक्षा पात्रता को आपसी मान्यता सुनिश्चित करने पर भी सहमति बनी हैं ।

बैठक में दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों ने स्वच्छ एवं नवीकरणीय ऊर्जा पर नये सहयोग के बारे में भी चर्चा की ।

दूसरी ओर, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत और ब्रिटेन ने सभी देशों की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता के सम्मान के महत्त्व को भी दोहराया।

मोदी ने कहा, ‘‘हमने यूक्रेन में तुरंत युद्धविराम और समस्या के समाधान के लिए वार्ता और कूटनीति पर बल दिया। हमने सभी देशों की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता के सम्मान की महत्ता को भी दोहराया।’’

भाषा दीपक दीपक पवनेश

पवनेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)