भारत ऐसी विश्व व्यवस्था में विश्वास नहीं करता जहां कुछ को दूसरों से श्रेष्ठ समझा जाता है : राजनाथ |

भारत ऐसी विश्व व्यवस्था में विश्वास नहीं करता जहां कुछ को दूसरों से श्रेष्ठ समझा जाता है : राजनाथ

भारत ऐसी विश्व व्यवस्था में विश्वास नहीं करता जहां कुछ को दूसरों से श्रेष्ठ समझा जाता है : राजनाथ

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:54 PM IST, Published Date : November 25, 2022/2:48 pm IST

(फोटो के साथ)

नयी दिल्ली, 25 नवंबर (भाषा) रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को कहा कि भारत किसी ऐसी विश्व व्यवस्था में विश्वास नहीं करता जहां कुछ को दूसरों से श्रेष्ठ समझा जाता है । उन्होंने कहा कि देशों के कार्य मनुष्यों की समानता एवं सम्मान के सार तत्व से मार्गदर्शित हों जोकि प्राचीन मूल्यों का हिस्सा है।

हिन्द प्रशांत क्षेत्रीय वार्ता (आईपीआरडी) 2022 कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत ने सुरक्षा और समृद्धि को हमेशा सम्पूर्ण मानवता के ‘सामूहिक उद्देश्य’ के रूप में देखा है।

उन्होंने कहा, ‘‘ मेरा दृढ़ विश्वास है कि अगर सुरक्षा सही अर्थों में सामूहिक उद्यम बन जाती है तब हम एक ऐसी विश्व व्यवस्था तैयार करने के बारे में सोच सकते हैं जो हम सभी के लिये लाभदायक हो । ’’

रक्षा मंत्री ने कहा कि अब हमें सामूहिक सुरक्षा के दायरे से ऊपर उठकर साझे हित और साझी सुरक्षा के स्तर पर जाने की जरूरत है।

सिंह ने कहा, ‘‘ भारत बहुस्तरीय गठबंधन की नीति में विश्वास करता है जिसे विभिन्न हितधारकों के माध्यम से विविध सम्पर्कों के जरिये हासिल किया जा रहा है ताकि सभी के विचारों एवं चिंताओं के बारे में चर्चा की जा सके और उनका निपटारा किया जा सके । ’’

सुरक्षा परिदृश्य पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा को एक की कीमत पर दूसरे की जीत के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए, बल्कि हमें सभी के लिये जीत की स्थिति सृजित करने का प्रयास करना चाहिए ।

रक्षा मंत्री ने जोर देकर कहा कि एक मजबूत एवं समृद्ध भारत का निर्माण दूसरों की कीमत पर नहीं हो सकता है बल्कि भारत दूसरों देशों को उनकी पूर्ण क्षमता को हासिल करने में मदद के लिये है।

राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत किसी ऐसी विश्व व्यवस्था में विश्वास नहीं करता है जहां कुछ को दूसरों से श्रेष्ठ समझा जाता है । उन्होंने कहा कि देशों के कार्य मनुष्यों की समानता एवं सम्मान के सार तत्व से मार्गदर्शित हों जोकि प्राचीन मूल्यों का हिस्सा है।

भाषा दीपक दीपक नरेश पवनेश

पवनेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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