Indian Railways : नई दिल्ली। 31 मई को देश की सभी ट्रेनों के पहिए एक साथ थम जाएंगे। रेल मंत्रालय के साथ-साथ आम जनता को भी इससे बड़ी परेशानी हो सकती है। अगर रेल मंत्रालय समय रहते कोई कदम नहीं उठता तो पूरे देश के लोगों को इस बड़ी समस्या का सामना करना होगा। दरअसल, ऐसा इसलिए क्योंकि भारतीय रेल के सभी स्टेशन मास्टर हड़ताल पर जाएंगे।>>*IBC24 News Channel के WhatsApp ग्रुप से जुड़ने के लिए Click करें*<<
बता दें रेलवे की उदासीनता की वजह से देश के करीब 35 हजार से अधिक स्टेशन मास्टरों ने रेलवे बोर्ड को नोटिस दे दिया है। इस नोटिस में स्टेशन मास्टरों ने लिखा है कि आगामी 31 मई को सभी हड़ताल पर जाएंगे। अब ये देखना होगा की सरकार स्टेशन मास्टरों के इस फैसले पर क्या कदम उठाती है। इस हड़ताल से सिर्फ उत्तरप्रदेश की 2 लाख से ज्यादा जनता प्रभावित होगी। इसके अलावा अन्य राज्यों पर भी इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
Indian Railways : मीडिया रिपोर्ट्स से मिली जानकारी के अनुसार मौजूदा हालात ये है की पूरे देश में इस समय 6,000 से भी अधिक स्टेशन मास्टरों की कमी है। रेल प्रशासन इस पद पर नियुक्ति नहीं कर रहा है। वर्तमान में देश के आधे से ज्यादा स्टशनों पर मात्र दो स्टेशन मास्टर पोस्टेड हैं। सामान्यतः एक स्टेशन मास्टर की शिफ्ट 8 घंटे की होती है लेकिन स्टाफ की कमी के कारण इन्हें हर रोज 12 घंटे की शिफ्ट करनी पड़ती है। इतना ही नहीं जिस दिन किसी स्टेशन मास्टर का साप्ताहिक अवकाश (Week-Off) होता है, उस दिन किसी दूसरे स्टेशन से कर्मचारी बुलाना पड़ता है।
Indian Railways : मिली जानकारी के अनुसार स्टेशन मास्टरों की मांग की सूची रेलवे बोर्ड के सीईओ (CEO) को पहले ही भेज दिया गया है। उनकी मांग है कि रेलवे में सभी रिक्तियों को जल्द से जल्द भरा जाएं। इसके साथ ही सभी रेल कर्मचारियों को बिना किसी अधिकतम सीमा के रात्रि ड्यूटी भत्ता बहाल करना। स्टेशन मास्टरों के संवर्ग में एमएसीपी (MACP) का लाभ 16.02.2018 के बजाय 01.01.2016 से प्रदान करना। संशोधित पदनामों के साथ संवर्गों का पुनर्गठन करना। स्टेशन मास्टरों को सुरक्षा और तनाव भत्ता देना। इन मांगों को पूरा करने के लिए मंत्रालय और सरकार से अपील की गई है।
Read More : ट्रूकॉलर जैसी कंपनियों को बड़ा झटका, सरकार की तरफ से हो रही नए फीचर की व्यवस्था
Indian Railways : बता दें स्टेशन मास्टरों का कहना है कि ये निर्णय अचानक नहीं लिया गया है। ये फैसला काफी सोच-विचार कर लम्बे समय के बाद लिया गया है। काफी समय से रेल प्रशासन से इसकी मांग की जा रही थी। रेलवे प्रशासन ने स्टेशन मास्टरों की मांगे पूरी नहीं की। इसके बाद अपनी मांगे मनवाने के लिए स्टेशन मास्टरों ने कई तरकीबें अपनाई।
Read More : कोरोना के बाद अब मंकीपॉक्स ने दी दस्तक, 100 से ज्यादा संक्रमित, WHO ने ली आपातकालीन बैठक
दूसरे चरण के चुनाव में शाम 7 बजे तक करीब…
5 hours agoकांग्रेस कह रही है कि वह अल्पसंख्यकों के लिए एक…
5 hours ago