नयी दिल्ली, 26 जनवरी (भाषा) देश के 74वें गणतंत्र दिवस पर कर्तव्यपथ पर आयोजित परेड में प्रदर्शित अनेक स्वदेश निर्मित सैन्य आयुध प्रणालियों और शस्त्रों में मुख्य युद्धक टैंक अर्जुन, नाग मिसाइल प्रणाली (एनएएमआईएस) तथा के-9 वज्र टैंक भी शामिल रहे।
गणतंत्र दिवस समारोह में फ्लाई-पास्ट में 50 विमानों ने भाग लिया। इनमें वायुसेना के राफेल, मिग-29 और सुखोई-30 एमकेआई जैसे 45 विमान शामिल रहे। सी-130 सुपर हरक्युलिस तथा सी-17 ग्लोबमास्टर परिवहन विमानों ने भी आसमान में करतब दिखाए।
समारोह में पहली बार और संभवत: अंतिम बार नौसेना के आईएल-38 विमान का भी प्रदर्शन किया गया। यह भारतीय नौसेना का समुद्री टोही विमान है जिसने करीब 42 साल तक सेवाएं दी हैं। सूत्रों ने बताया कि इसे इस साल के अंत तक नौसेना की सेवा से अलग किया जा सकता है।
अधिकारियों ने बताया कि इस साल परेड में शामिल सैन्य उपकरणों और संसाधनों में भारत निर्मित आयुध शामिल रहे जो ‘आत्मनिर्भर भारत’ की भावना को प्रदर्शित कर रहे थे।
दिल्ली क्षेत्र के चीफ ऑफ स्टाफ मेजर जनरल भवनीश कुमार ने सोमवार को संवाददाताओं से कहा था, ‘‘हम स्वदेशीकरण की ओर जा रहे हैं और वह समय दूर नहीं है, जब सभी उपकरण स्वदेशी होंगे।’’
उन्होंने बताया कि सेना द्वारा 74वें गणतंत्र दिवस की परेड में प्रदर्शित किए जा रहे सभी उपकरण भारत में बने हैं जिनमें आकाश हथियार प्रणाली और हेलीकॉप्टर, रुद्र और एएलएच ध्रुव शामिल हैं।
कुमार ने कहा ,‘‘इस साल 21 तोपों की सलामी 105 मिलीमीटर की भारतीय तोपों से दी जाएगी जो 25-पाउंडर का स्थान लेंगी।’’
‘नारी शक्ति’ की थीम के साथ आकाश आयुध प्रणाली का प्रदर्शन किया गया जिसमें लेफ्टिनेंट चेतना शर्मा अगुवाई कर रही थीं।
रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) की झांकी की थीम ‘प्रभावी निगरानी, संचार के साथ और खतरों को ध्वस्त करते हुए देश की सुरक्षा’ थी।
भाषा
वैभव नेत्रपाल
नेत्रपाल
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