जयपुर ग्रेटर नगर निगम आयुक्त से हाथापाई के मामले में तीन पार्षद बर्खास्‍त |

जयपुर ग्रेटर नगर निगम आयुक्त से हाथापाई के मामले में तीन पार्षद बर्खास्‍त

जयपुर ग्रेटर नगर निगम आयुक्त से हाथापाई के मामले में तीन पार्षद बर्खास्‍त

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:27 PM IST, Published Date : August 23, 2022/11:18 am IST

जयपुर, 23 अगस्त (भाषा) जयपुर ग्रेटर नगर निगम के तत्‍कालीन आयुक्त के साथ कथित तौर पर हाथापाई के मामले में भाजपा के दो और एक निर्दलीय वार्ड पार्षदों की सदस्यता समाप्त कर दी गई है। साथ ही इन पार्षदों को छह साल की अवधि के लिए फिर से चुनाव लड़ने के अयोग्य घोषित कर दिया गया।

स्वायत्त शासन विभाग ने सोमवार को भाजपा के दो और एक निर्दलीय पार्षद को बर्खास्त करने के आदेश जारी किए। इसके तहत इस मामले में जयपुर ग्रेटर नगर निगम के पार्षद अजय चौहान, पारस जैन और शंकर लाल शर्मा पर कार्रवाई की गई। आदेश के अनुसार, न्यायिक जांच में तीनों को दोषी पाया गया।

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि तीन पार्षदों के अलावा मेयर सौम्या गुर्जर को भी न्यायिक जांच में तत्कालीन आयुक्त यज्ञ मित्र सिंह देव के साथ मारपीट करने और उन्हें सरकारी काम से रोकने का दोषी पाया गया था। सूत्रों ने कहा कि मेयर के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई है और उनके खिलाफ कार्रवाई के कानूनी पहलुओं की पड़ताल की जा रही है।

आदेश के मुताबिक ये तीनों बर्खास्त पार्षद अगले छह साल तक कोई चुनाव नहीं लड़ सकेंगे। तीन पार्षदों की बर्खास्तगी से अब सरकार को जयपुर ग्रेटर नगर निगम के वार्ड 39, 72 और 103 में अगले छह महीने में चुनाव कराने होंगे।

वहीं उपमहापौर पुणीत कर्णावट ने पार्षदों की बर्खास्तगी को राजनीति से प्रेरित बताया है। उन्‍होंने एक बयान में कहा, ‘तीन पार्षदों की बर्खास्तगी राजनीतिक कारणों से और राजनीतिक बदले की भावना से की गई है। एक साधारण घटना की आड़ लेकर निर्वाचित जनप्रतिनिधि की सदस्यता समाप्त करना लोकतंत्र पर गहरा हमला है। हम इसका कड़ा विरोध करेंगे और अपने साथियों के अधिकारों के लिए भी लड़ेंगे। अंतिम जीत हमारी होगी।”

उल्‍लेखनीय है कि पिछले साल चार जून को महापौर के कमरे में आयुक्त और महापौर के बीच तीखी बहस हुई थी। आरोपी पार्षदों ने बैठक छोड़कर जा रहे आयुक्त के साथ कथित तौर पर दुर्व्यवहार किया और उनके साथ गाली गलोच की। सरकार ने छह जून को महापौर और तीन पार्षदों को निलंबित कर दिया था। सात जून को सरकार ने शील धाभाई को कार्यवाहक महापौर बनाया था। इसके बाद अदालत से मिले स्‍थगन आदेश के आधार पर सौम्या गुर्जर ने दुबारा महापौर की कुर्सी संभाली थी।

भाषा पृथ्‍वी मनीषा प्रशांत

प्रशांत

 

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