पत्रकारों को अपने स्रोत का खुलासा करने की कोई वैधानिक छूट नहीं : अदालत |

पत्रकारों को अपने स्रोत का खुलासा करने की कोई वैधानिक छूट नहीं : अदालत

पत्रकारों को अपने स्रोत का खुलासा करने की कोई वैधानिक छूट नहीं : अदालत

:   Modified Date:  January 18, 2023 / 10:51 PM IST, Published Date : January 18, 2023/10:51 pm IST

नयी दिल्ली, 18 जनवरी (भाषा) दिल्ली की एक अदालत ने कहा है कि भारत में पत्रकारों को जांच एजेंसियों को अपने स्रोत का खुलासा करने से कोई वैधानिक छूट नहीं है।

मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट अंजनी महाजन ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की ओर से दायर एक ‘‘क्लोजर रिपोर्ट’’ को खारिज करते हुए यह टिप्पणी की।

रिपोर्ट में सीबीआई ने दावा किया था कि वह कथित जालसाजी के मामले में जांच पूरी नहीं कर सकी, क्योंकि कथित जाली दस्तावेजों को प्रकाशित और प्रसारित करने वाले पत्रकारों ने उन स्रोतों का खुलासा करने से इनकार कर दिया था जहां से उन्होंने इसे इसे हासिल किया था।

प्राथमिकी के अनुसार, कुछ समाचार चैनलों और समाचार पत्रों ने नौ फरवरी, 2009 को अर्थात शीर्ष अदालत में सुनवाई की निर्धारित तारीख से एक दिन पहले दिवंगत नेता मुलायम सिंह यादव और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले से संबंधित रिपोर्ट प्रसारित और प्रकाशित की थी।

समाचार प्रकाशित होने के बाद, सीबीआई ने एजेंसी की प्रतिष्ठा को धूमिल करने के लिए कथित तौर पर फर्जी और मनगढ़ंत रिपोर्ट तैयार करने के आरोप में अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी।

हालांकि बाद में सीबीआई ने इस मामले में ‘क्लोजर रिपोर्ट’ दाखिल कर दी थी।

न्यायाधीश ने रिपोर्ट को खारिज कर दिया और सीबीआई को पत्रकारों से पूछताछ करने का निर्देश दिया।

न्यायाधीश ने कहा, ‘‘भारत में पत्रकारों को जांच एजेंसियों को अपने स्रोत का खुलासा करने से कोई वैधानिक छूट नहीं है, विशेष रूप से जहां एक आपराधिक मामले की जांच में सहायता के उद्देश्य से इस तरह का खुलासा आवश्यक है।’’

यह आदेश मंगलवार को सुनाया गया।

भाषा सुरेश देवेंद्र

देवेंद्र

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)