नयी दिल्ली, 19 अप्रैल (भाषा) देश की मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस के सामने लोकसभा चुनाव के पहले चरण में न सिर्फ अपनी संख्या में इजाफे, बल्कि पिछली बार जीती गईं सीटों को बरकरार रखने की भी चुनौती है। पार्टी के चुनाव अभियान से जुड़े नेताओं का कहना है कि पार्टी को इस बार राजस्थान एवं कुछ अन्य राज्यों में अपेक्षाकृत ‘बेहतर प्रदर्शन’ करने की उम्मीद है।
लोकसभा चुनाव के पहले चरण में जिन 102 सीट पर मतदान संपन्न हुआ उनमें से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) 77 और कांग्रेस 56 सीट पर चुनाव लड़ रही है।
पहले चरण में जिन राज्यों की सभी लोकसभा सीटों पर मतदान हुआ उनमें तमिलनाडु (39), उत्तराखंड (5), अरुणाचल प्रदेश (2), मेघालय (2), अंडमान और निकोबार द्वीप समूह (1), मिजोरम (1), नगालैंड (1), पुडुचेरी (1), सिक्किम (1) और लक्षद्वीप (1) शामिल हैं।
इसके अलावा राजस्थान में 12, उत्तर प्रदेश में 8, मध्य प्रदेश में 6, असम और महाराष्ट्र में 5-5, बिहार में 4, पश्चिम बंगाल में 3, मणिपुर में 2 और त्रिपुरा, जम्मू कश्मीर और छत्तीसगढ़ में एक-एक सीट पर मतदान हुआ।
कांग्रेस को वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में इन 102 सीटों में से 15 पर सफलता मिली थी। राजस्थान की जिन 12 सीटों पर मतदान हुआ उनमें से एक भी सीट कांग्रेस नहीं जीत सकी थी।
पहले चरण के मतदान के बाद कांग्रेस के चुनाव अभियान से जुड़े एक नेता ने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि पिछली बार की तुलना में हमारी सीटें बढ़ेगी। राजस्थान में बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद है।’’
तमिलनाडु में कांग्रेस पिछली बार नौ सीट पर लड़ी थी और उसे आठ सीट हासिल हुई थी। इस बार भी वह दक्षिण भारत के इस महत्वपूर्ण प्रदेश में नौ सीट पर चुनाव लड़ रही है। ऐसे में उसके सामने बड़ी चुनौती अपनी जीती हुई सीट बचाने की है।
भाषा हक हक पवनेश
पवनेश
(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)