लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे : थलसेना अध्यक्ष के पद तक पहुंचे इंजीनियर कोर के पहले अधिकारी |

लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे : थलसेना अध्यक्ष के पद तक पहुंचे इंजीनियर कोर के पहले अधिकारी

लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे : थलसेना अध्यक्ष के पद तक पहुंचे इंजीनियर कोर के पहले अधिकारी

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:06 PM IST, Published Date : April 24, 2022/1:31 pm IST

नयी दिल्ली, 24 अप्रैल (भाषा) भारतीय सेना के पराक्रमी और अनुभवी अधिकारी लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे को देश के 29वें थल सेना प्रमुख के तौर पर चुना गया है। वरिष्ठता क्रम के अनुसार वह इस पद के लिए सबसे उपयुक्त हैं। इसके बावजूद उनकी नियुक्ति को अपने आप में दुर्लभ घटनाक्रम माना जा रहा है। दरअसल, ऐसा पहली बार हुआ है कि सेना की इंजीनियर कोर के किसी अधिकारी ने थलसेना की कमान संभाली है। इससे पहले 28 बार पैदल सेना, तोपखाना और बख्तरबंद रेजिमेंट के अधिकारी ही 13 लाख कर्मियों वाली थल सेना के प्रमुख बनते रहे हैं।

लेफ्टिनेंट जनरल पांडे अभी थल सेना के उप-प्रमुख हैं। वह जनरल एम. एम. नरवणे के 30 अप्रैल को सेवानिवृत्त होने के बाद उनका स्थान लेंगे।

इसी साल एक फरवरी को थल सेना के उप-प्रमुख बनने से पहले वह थल सेना की पूर्वी कमान का नेतृत्व कर रहे थे। इस कमान पर सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश सेक्टरों में वास्तविक नियंत्रण रेखा की रक्षा की जिम्मेदारी है।

लेफ्टिनेंट जनरल पांडे सेना की कमान ऐसे समय में संभाल रहे हैं, जब सरकार कई सुरक्षा चुनौतियों से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए तीनों सेनाओं (थल सेना, नौसेना और वायु सेना) के एकीकरण पर ध्यान केंद्रित कर रही है।

लेफ्टिनेंट जनरल पांडे अपने करियर के दौरान अंडमान निकोबार कमान के प्रमुख के तौर पर भी सेवा दे चुके हैं।

पांडे राष्ट्रीय रक्षा अकादमी के पूर्व छात्र हैं और उन्हें दिसंबर 1982 में कोर ऑफ इंजीनियर्स (द बॉम्बे सैपर्स) में नियुक्त किया गया था। उन्होंने अपने बेहतरीन करियर में कई अहम पदों पर सेवाएं दीं और विभिन्न इलाकों में आतंकवाद रोधी अभियानों में भाग लिया।

वह जम्मू कश्मीर में ऑपरेशन पराक्रम के दौरान नियंत्रण रेखा के पास एक इंजीनियर रेजिमेंट की कमान संभाल चुके हैं और उन्हें पश्चिमी लद्दाख के ऊंचाई वाले इलाकों में एक पर्वतीय डिवीजन और पूर्वोत्तर में एक कोर की भी कमान संभालने का अनुभव है। उनका यही अनुभव आने वाले समय में देश के लिए एक मजबूत ढाल का काम करेगा।

उन्होंने इथोपिया और इरिट्रिया में संयुक्त राष्ट्र मिशन में मुख्य इंजीनियर के रूप में भी कार्य किया है। उन्होंने सेना मुख्यालय में सैन्य संचालन निदेशालय में अतिरिक्त महानिदेशक और दक्षिणी कमान के मुख्यालय में चीफ ऑफ स्टाफ के रूप में भी सेवाएं दीं।

उनकी शानदार सेवा के लिए उन्हें परम विशिष्ट सेवा पदक, अति विशिष्ट सेवा पदक, विशिष्ट सेवा पदक, थल सेना प्रमुख से प्रशस्ति पत्र आदि से सम्मानित किया जा चुका है।

लेफ्टिनेंट जनरल मनोज सी पांडे नागपुर के रहने वाले हैं। उनके बचपन के एक मित्र दिलीप अठावले ने बताया कि लेफ्टिनेंट जनरल पांडे के पिता चंद्रशेखर जी पांडे नागपुर विश्वविद्यालय में मनोविज्ञान के प्रोफेसर और विभागाध्यक्ष थे। उनकी मां प्रेमा पांडे ऑल इंडिया रेडियो में अनाउंसर थीं और नियमित रूप से प्रसारित होने वाले कार्यक्रम ‘मधु मालती’ की प्रस्तोता थीं। लेफ्टिनेंट जनरल पांडे की पत्नी अर्चना पांडे डेंटिस्ट हैं और उनका पुत्र और पुत्रवधू दोनों भारतीय वायु सेना में पायलट हैं।

भाषा एकता एकता सुभाष

सुभाष

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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