शिलांग, 12 जुलाई (भाषा) मेघालय उच्च न्यायालय ने एक जनहित याचिका में एक जिला परिषद को प्रतिवादी के रूप में जोड़ा है।
इससे पहले भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) ने अदालत को सूचित किया था कि स्वायत्त संस्था मनमाना लाइसेंस शुल्क लगाती है और कुछ अधिकारी जबरन पैसों की मांग करते हैं।
एएआई ने यह भी कहा कि उसने इस संबंध में राज्य सरकार से शिकायत की है लेकिन कुछ नहीं हुआ।
अदालत ने कहा, ‘‘यह बात सामने आई है कि खासी पर्वतीय स्वायत्त जिला परिषद (केएचएडीसी)मनमाना लाइसेंस शुल्क लगाती है और कुछ अधिकारी जबरन पैसों की मांग करते हैं। इसी जिला परिषद के अधिकार क्षेत्र में उमरोई का हवाई अड्डा संचालित होता है।’’
मुख्य न्यायाधीश संजीब बनर्जी की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने सोमवार को एक आदेश में कहा, ‘‘चूंकि लाइसेंस शुल्क मांगने के केएचएडीसी के अधिकार और उसके क्षेत्र पर सवाल खड़ा किया गया है, इसलिए उसे प्रतिवादी के तौर पर जोड़ा जाता है। राज्य के वकील जोड़े गये प्रतिवादी से संबंधित जानकारी जमा करेंगे।’’
पीठ में न्यायमूर्ति डब्ल्यू दींगदोह भी शामिल रहे। पीठ राज्य की राजधानी शिलांग से कुछ किलोमीटर दूर स्थित उमरोई में हवाई अड्डे के विकास के अनुरोध वाली जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी।
भाषा वैभव नरेश
नरेश
(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
दूसरे चरण के चुनाव में शाम 7 बजे तक करीब…
4 hours agoकांग्रेस कह रही है कि वह अल्पसंख्यकों के लिए एक…
4 hours ago