महबूबा ने ‘पीडीपी कार्यकर्ताओं को हिरासत में लेने’ के खिलाफ प्रदर्शन किया, भीड़ पर पुलिस लाठीचार्ज |

महबूबा ने ‘पीडीपी कार्यकर्ताओं को हिरासत में लेने’ के खिलाफ प्रदर्शन किया, भीड़ पर पुलिस लाठीचार्ज

महबूबा ने ‘पीडीपी कार्यकर्ताओं को हिरासत में लेने’ के खिलाफ प्रदर्शन किया, भीड़ पर पुलिस लाठीचार्ज

:   Modified Date:  May 25, 2024 / 02:36 PM IST, Published Date : May 25, 2024/2:36 pm IST

(जेहरा शफी)

(तस्वीरों के साथ जारी)

बिजबेहरा (जम्मू-कश्मीर), 25 मई (भाषा) पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं और मतदन एजेंट को कथित रूप से हिरासत में लिए जाने के खिलाफ शनिवार को जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले में एक पुलिस थाने के बाहर विरोध प्रदर्शन किया।

जम्मू-कश्मीर की अनंतनाग-राजौरी लोकसभा सीट पर चुनाव के लिए शनिवार को मतदान जारी है जहां पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती समेत 20 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं।

महबूबा ने यह भी दावा किया कि उनके मोबाइल नंबर से फोन करने की (‘आउटगोइंग कॉल’) सुविधा बिना किसी स्पष्टीकरण के निलंबित कर दी गई है।

हालांकि, पुलिस ने कहा कि हिरासत में लिए गए लोग ‘ओवरग्राउंड वर्कर’ (आतंकवादियों के सहयोगी) हैं और यह कार्रवाई चुनाव का सुचारु संचालन सुनिश्चित करने के लिए की गई है।

महबूबा ने श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग पर बिजबेहरा पुलिस थाने के बाहर धरना दिया। प्रदर्शनकारियों ने जम्मू-कश्मीर प्रशासन के खिलाफ नारे लगाए और हिरासत में लिए गए लोगों को तुरंत रिहा करने की मांग की।

महबूबा ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमारे पीडीपी मतदान एजेंट को निशाना बनाया जा रहा है और गिरफ्तार किया जा रहा है। हम इसका कारण पूछ रहे हैं लेकिन वे कुछ नहीं बता रहे। अगर वे मेरे संसद जाने से इतना डरते हैं तो उपराज्यपाल को मुझसे चुनाव नहीं लड़ने के लिए कह देना चाहिए।’’

उन्होंने कहा कि इस तरह की ‘‘धांधली’’ 1987 में देखी गई थी। कई लोगों का मानना है कि उसी के कारण कश्मीर में आतंकवाद भड़का था।

पुलिस ने कहा कि केवल उन कुछ लोगों को ही हिरासत में लिया गया है जिनका पिछला रिकॉर्ड ‘‘खराब’’ है और जो मतदान के दिन कानून-व्यवस्था के लिए खतरा पैदा कर सकते हैं।

एक पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘‘जिन लोगों को हिरासत में लिया गया है, वे ‘ओवरग्राउंड वर्कर’ हैं और शांतिपूर्ण मतदान सुनिश्चित करने के लिए उन्हें एहतियातन हिरासत में लिया गया है।’’

एक प्रदर्शनकारी यास्मीन ने कहा कि हिरासत में लिए गए लोगों में उनके पति भी शामिल हैं।

उसने कहा, ‘‘मैं कल रात से बहुत चिंतित हूं। मेरे पति किसी भी अवैध गतिविधि में शामिल नहीं हैं, फिर भी उन्हें हिरासत में लिया गया है।’’

यास्मीन ने कहा, ‘‘हमें उनसे मिलने भी नहीं दिया जा रहा। आज मतदान का दिन है और सभी को मतदान करने का अधिकार है। उन्हें हिरासत में क्यों लिया गया और मतदान करने से क्यों रोका गया? कानून सभी के लिए समान होना चाहिए।’’

अधिकारियों ने कहा कि पुलिस और नगर निकाय अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे और पीडीपी प्रमुख को नाकाबंदी हटाने के लिए मनाने की एक घंटे से अधिक समय तक कोशिश की जो सफल नहीं हुई।

उन्होंने बताया कि लोगों की बढ़ती भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिसकर्मियों ने मामूली लाठीचार्ज किया।

मीडियाकर्मियों ने दावा किया कि लाठीचार्ज में कुछ मीडियाकर्मी भी घायल हुए हैं। महबूबा वोट डालने के लिए कुछ देर के लिए धरना स्थल से गईं।

मीडियाकर्मियों को मतदान केंद्र के अंदर जाने की अनुमति नहीं दी गई और सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें बूथ से 100 मीटर पहले ही रोक दिया।

अधिकारियों ने बताया कि महबूबा अब भी प्रदर्शन स्थल पर मौजूद हैं। अधिकारियों ने बताया कि स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए अतिरिक्त बल बुलाए गए हैं।

महबूबा ने शुक्रवार को निर्वाचन आयोग को पत्र लिखकर दावा किया था कि पीडीपी कार्यकर्ताओं और मतदान एजेंट को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है।

इससे पहले, महबूबा ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘मैं सुबह से कोई फोन कॉल नहीं कर पा रही हूं। अनंतनाग लोकसभा क्षेत्र में मतदान के दिन अचानक सेवाओं को निलंबित करने का कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया गया है।’’

पीडीपी ने भी सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट के जरिए इस मुद्दे को उठाया। इसमें कहा गया, ‘‘चुनाव से ठीक पहले महबूबा मुफ्ती की मोबाइल फोन सेवा अचानक बंद कर दी गई। मतदान क्षेत्र में कई पीडीपी कार्यकर्ताओं और मतदान एजेंट को कल शाम और आज तड़के हिरासत में लिया गया।’’

भाषा सिम्मी संतोष

संतोष

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)